पुस्तक अंश: हिंदू धर्म एकीकृत संप्रदाय नहीं, भिन्न पंथों का समूह है

पुस्तक अंश: हिंदू धर्म विभिन्न विचारों को आत्मसात करता आया है. कई मान्यताएं और प्रथाएं अपने प्राचीन रूप में हैं और उनके स्रोतों का पता लगाना कठिन है. धर्म का यह स्वरूप पूजा के विधि-विधानों के बजाय दार्शनिक स्तर पर अधिक पाया जा सकता है. असहमति की अधिकांश परंपराएं विविधता को पोषित करती रही हैं.