सेना ने कश्मीरी पत्रकारों को निशाना बनाने, नैरेटिव बनाने के लिए फ़र्ज़ी एकाउंट इस्तेमाल किए: रिपोर्ट

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि श्रीनगर में भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स से जुड़े फ़र्ज़ी सोशल मीडिया एकाउंट्स के ज़रिये उनका नैरेटिव फैलाया गया और कश्मीरी पत्रकारों को निशाना बनाया गया. भारत में फेसबुक के अधिकारियों को मेटा नियमों के इस उल्लंघन की जानकारी होने के बावजूद सरकारी कार्रवाई के डर से उन्होंने कोई क़दम नहीं उठाया.

जम्मू कश्मीर: पीएसए मामलों में सुनवाई का अंतहीन इंतज़ार बंदियों-परिजनों की पीड़ा बढ़ा रहा है

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों के वकीलों और परिजनों का कहना है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इन मामलों को दैनिक कार्य सूची में इतना नीचे स्थान दिया जाता है कि ये सुनवाई के लिए जज तक पहुंच ही ​नहीं पाते हैं, जिससे क़ैद से लोगों का बाहर आना चुनौती बना हुआ है.

श्रीनगर: घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर क्यों हैं

1990 के बाद घाटी से बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित पलायन कर गए थे, लेकिन कुछ परिवार यहीं रह गए. केंद्र सरकार द्वारा ऐसे आठ सौ से अधिक कश्मीरी पंडित परिवारों में किसी एक को नौकरी देने का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ.