श्याम बेनेगल सिनेमा और कैमरे के माध्यम से बेनेगल ने जीवन को बड़ी शिद्दत से जीया. उन्होंने फिल्मों को बनाने का एक तय फॉर्मूला के विपरीत यथार्थवादी रास्ता चुना. इतना ही नहीं उन्होंने सिने ट्रेंड को बदला, जहां हाशिए का समाज सिनेमा के केंद्र में आया.
गगन गिल को 'मैं जब तक आई बाहर' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा हुई है. उनकी कविताएं स्त्री मन के अकेलेपन, जीवन की क्षणभंगुरता और सामाजिक बदलाव को उकेरती हैं. उनका लेखन जीवन के स्याह पक्ष को आत्मसात करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा का गहन दर्शन प्रस्तुत करता है.