भारतीय मुस्लिम समाज अपने अंदर पनप रही जड़ताओं, कठमुल्लावाद और सांप्रदायिकता से असरदार जंग लड़ने के लिए अगर इस्लाम के अंदर से ही दिशा-निर्देश ले तो ये बड़ी जीत होगी.
भारत की सियासत में जब तक अलग से मुसलमानों की बात होती रहेगी तब तक हिंदुत्व ज़िंदा रहेगा.
लड़कियों फ़र्क़ देखिए. आपके घरवाले आपके लिए जब देख-सुन के अपनी बिरादरी और धर्म का लड़का चुनते हैं तब आपके साथ कैसा सुलूक होता है.