तख्तापलट के बाद मुहम्मद यूनुस ने कहा था कि बांग्लादेश को दूसरी आज़ादी मिली है, लेकिन इसके असल लाभार्थी तमाम कट्टरपंथी संगठन बन रहे हैं.
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अल्पसंख्यक राजनीति विभाजित हो गयी है. कुछ हिंदू कहते हैं कि तख्तापलट के दौरान और उसके बाद अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गये हैं, और कुछ दावा करते हैं कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और माहौल को भड़काने के लिए हैं.
राणा दासगुप्ता बांग्लादेश के प्रमुख अल्पसंख्यक नेता हैं. द वायर हिंदी से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि शेख़ हसीना के सत्ता से हटने के बाद 52 ज़िलों में अल्पसंख्यकों पर हमलों और उत्पीड़न की कम से कम 205 घटनाएं हुई हैं.
14 अगस्त, 2024 को तालिबान के सशस्त्र बलों ने सत्ता में आने की तीसरी वर्षगांठ का जश्न काबुल के नजदीक बगराम स्थित हवाई अड्डे पर मनाया, एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन हुआ, जिसमें चीन और ईरान के राजनयिक भी शामिल थे.
समय की हानि हरदयाल पब्लिक स्कूल और विजया सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दोनों केंद्रों के अभ्यर्थियों को हुई, लेकिन ग्रेस अंक सिर्फ हरदयाल के छात्रों को मिला. झज्जर के एक अन्य केंद्र पर परीक्षा देने वाली छात्रा कटाक्ष करती हैं, 'मैं कैसे टॉप करती, मेरा सेंटर हरदयाल थोड़े ही था!’
मुरारीलाल का सपना था कि उनके परिवार में कोई डॉक्टर बने और कोई जज. उनके एक पोते ने इस साल न्यायपालिका की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन परिणाम आने के 4 दिन पहले उसकी असामयिक मौत हो गई. मुरलीलाल की पोती नीट में बढ़िया अंक पाकर भी कॉलेज में दाखिले को लेकर सशंकित है.