इस चुनाव में मिली हार के दरमियान अधिकांश मुस्लिम बाहुल्य सीट पर आप को जीत मिली है. हालांकि यह स्पष्ट है कि मुसलमान वोट कुछ हद तक आप से अलग हुआ है, पिछले चुनाव में इन दस मुस्लिम बाहुल्य सीट में से 9 सीट आप के पास थी, वहीं इस बार के चुनाव में आप सिर्फ़ 7 सीट जितने में कामयाब हो सकी.
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव हार चुके हैं. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से चुनाव जीतने में असफल रहे.
अमेरिकी सैन्य विमान में अप्रवासी भारतीयों के साथ हुए अमानवीय बर्ताव की तीखी आलोचना हो रही है. इस बीच भारतीय दक्षिणपंथ इसका बचाव कर रहा है और दलीलें दे रहा है कि ‘अपराध करने पर अपराधियों जैसा ही बर्ताव किया जाएगा.'
संभल के खग्गू सराय में 'खोजे गए' मंदिर के पास रहने वाले परिवार के अनुसार, प्रशासन उनका घर तोड़ना चाहता है क्योंकि यह हिंदुओं द्वारा मंदिर की परिक्रमा करने में बाधा बनता है. जब परिवार ने विरोध किया, पुलिस ने घर के मुखिया मोहम्मद मतीन को 16 जनवरी को गिरफ़्तार कर लिया.
संभल की शाही जामा मस्जिद के ठीक बगल में खाली जमीन हुआ करती थी. हिंसा के बाद प्रशासन ने इसे अपने अधीन कर लिया और यहां सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण शुरू कर दिया. पुलिस कहती है कि यह नाम संभल के ‘धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व’ को दर्शाता है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में बताए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में 1.7 ट्रिलियन रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले गए हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कोई भी पार्टी दुबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी, सत्ता विरोधी लहर हमेशा ही बिहार से अलग हुए इस राज्य के चुनाव परिणाम पर हावी रहा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 27 जीत कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने इतिहास रच दिया है.
एक ओर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का पूरा प्रचार अभियान ‘घुसपैठिए’ पर केंद्रित है, तो दूसरी ओर मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नज़र आ रहा है. यह स्थिति झारखंड चुनाव को महाराष्ट्र से भिन्न बनाती है जहां कई स्थानीय कद्दावर नेता अपनी साख बचाने के लिए लड़ रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप की विजय पर आए दुनिया भर के नेताओं के संदेश यह संकेत देते हैं कि आगामी वर्षों में विश्व किस करवट जा सकता है.
चुनावी मैदान में जीत विनेश की लड़ाई का अंत नहीं है. यह दरसअल शुरुआत है. जिन आकांक्षाओं को लेकर उन्हें बतौर खिलाड़ी अपना करिअर शिखर पर छोड़कर राजनीति का रुख़ करना पड़ा, उन सपनों को पूरा करने का रास्ता अब आरंभ होता है.
पिछले वर्षों में हिंदी पत्रकारिता अमूमन यूट्यूब और वायरल वीडियो तक सिमट गई है. ज़मीनी पत्रकार की जगह 'सेलेब्रिटी एंकर' ने ली है. क्या यूट्यूब के भड़काऊ मोनोलॉग खोजी पत्रकारिता का गला घोंट रहे हैं? हिंदी के प्रख्यात नाम वीडियो तक क्यों सिमट गए हैं? उन्होंने गद्य का रास्ता क्यों त्याग दिया है?
इस विषय पर द वायर हिंदी की परिचर्चा.
नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि लगभग 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा यूक्रेन की पहली यात्रा है.
'समय के साथ मैंने अपनी पहचान छुपाना शुरू कर दिया है. जब कोई मुझसे पूछता है कि आप कहां से हैं, तो मैं कहती हूं- यहीं दिल्ली से.’
ठीक पांच साल पहले, 5 अगस्त 2019 को केंद्र की भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर को आज़ाद भारत में शामिल करने की शर्त के रूप में अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त कर दिया था. साथ ही राज्य को दो केंद्रीय शासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया- जम्मू कश्मीर और लद्दाख.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस पर अंबानी और अडानी से टेंपो में बोरी भरकर पैसे लेने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि इस दावे पर लोकपाल की टिप्पणी मोदी के राजनीतिक बड़बोलेपन को उजागर करती है.