समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति/ जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को उच्च-रैंकिंग वाले विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इस साल बिना हितधारकों से चर्चा किए योजना से मानविकी व समाज विज्ञान विषयों को हटा दिया गया है.
एक सर्वे के अनुसार, देश के छह आईआईएम में जुलाई 2015 तक कुल 233 शिक्षक थे. इनमें से सिर्फ़ दो अनुसूचित जाति और पांच अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. अनुसूचित जनजाति से कोई भी शिक्षक यहां नहीं था.