छात्राओं के हॉस्टल वापस आने की टाइमिंग, मोरल पुलिसिंग, यौन प्रताड़ना और भेदभावपूर्ण नियमों के ख़िलाफ़ शुरू हुआ पिंजरा तोड़ आंदोलन अब कई राज्यों के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने लगा है.
क्या कृष्ण की लीलाओं को यौन उत्पीड़न के नज़रिये से देखा जा सकता है? रासलीला और नटखटपन के नाम पर कृष्ण द्वारा गोपियों के प्रति किया गया व्यवहार मेरे मन में कई सवाल खड़े करता है.
युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक नीलोत्पल मृणाल की कथित तौर पर पुलिस ने की पिटाई. अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल बनाने की अपील की. छात्रों का आरोप है कि इतना किराया देने के बावजूद न तो उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं और न ही ठीक व्यवहार किया जाता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म के छात्र-छात्राओं का आरोप है कि मोटी फीस वसूलने के बाद भी प्रशासन उन्हें बेहतर शिक्षा और संसाधन उपलब्ध कराने में असफल रहा है.
सुरक्षा का हवाला देकर जामिया प्रबंधन ने छात्राओं के हॉस्टल बंद होने की समयसीमा रात 10:30 बजे से घटाकर नौ बजे की. इस नियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन पर भी लगाया प्रतिबंध.
अंतरराष्ट्रीय ‘श्रमजीवी’ महिला दिवस से श्रमजीवी शब्द को हटाना मज़दूर महिलाओं के संघर्ष और इस दिन के इतिहास के महत्व को कम करता है.
बलात्कार के मामलों में 2013 के संशोधन के बाद होने वाली कार्यवाही में बहुत हद तक सुधार हुआ है लेकिन अब भी पीड़ित को उत्पीड़न सहना पड़ता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सभा, वाद-विवाद और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रबंधन की अनुमति मिलने में विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
देश भर के 163 महिला अध्ययन केंद्रों को आर्थिक सहायता जारी रखने पर यूजीसी के अनिश्चितता व्यक्त करने पर विद्वानों ने जताई चिंता.
हिरासत में होने वाली हिंसा और जेलों की स्थिति पर सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्णन गोंसाल्विस से बातचीत.
लगभग 50 इतिहासकारों और वास्तुकारों ने प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम, 2010 में और संशोधन न करने के लिए केंद्र से गुहार लगाई है.
सामाजिक कार्यकर्ता एसपी उदयकुमार ने प्रेस काउंसिल से शिकायत करते हुए कहा है कि झूठे स्टिंग के माध्यम से उन्हें व उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है.
हरियाणा में गोठड़ा और राजगढ़ गांव में पिछले महीने तमाम छात्राएं गांव के स्कूल को बारहवीं तक करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठीं. अंतत: सरकार ने उनकी मांग मान ली.
फोटोग्राफर महेश शांताराम ने भारत में रह रहे अफ्रीकी छात्रों के साथ होने वाले नस्लीय भेदभाव को कैमरे में कैद किया है.