पुस्तक समीक्षा: ‘माटी-राग’ उपन्यास में लेखक हरियश राय किसानों के साथ पूरी हमदर्दी के साथ खड़े हैं. वे सरकारी आंकड़ों और मीडिया के प्रचार-प्रसार से बचते हुए आंखों देखे भयावह यथार्थ को अपनी गहन पीड़ा के साथ रखते हैं.
पुस्तक समीक्षा: ‘माटी-राग’ उपन्यास में लेखक हरियश राय किसानों के साथ पूरी हमदर्दी के साथ खड़े हैं. वे सरकारी आंकड़ों और मीडिया के प्रचार-प्रसार से बचते हुए आंखों देखे भयावह यथार्थ को अपनी गहन पीड़ा के साथ रखते हैं.