सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सरकारों के पास 75,000 करोड़ रुपये के विभिन्न फंडों के प्रयोग की कोई योजना भी है या नहीं? केंद्र ने कहा कि फंड सुरक्षित रखा हुआ है लेकिन प्रश्न है कि उसका प्रयोग कैसे किया जाए?
एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि वकील जजों को निशाना बनाकर इस संस्था को ही ख़त्म कर रहे हैं.
सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कश्मीरी युवाओं के आतंक की राह पर चलने को लेकर चिंता जताई और कहा कि आतंकी बने युवाओं की मौत से उन्हें ख़ुशी नहीं मिलती.
पिछले दिनों असम में दो जगह मिले थे आतंकी संगठन आईएसआईएस के कथित झंडे.
उत्तर प्रदेश में ब्रज मंडल के भाजपा पार्टी प्रमुख मनोज कश्यप ने कहा कि कैराना उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करें ताकि पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर और देश के दूसरे ‘मोदी विरोधी’ क्षेत्रों में दीवाली न मने.
वीडियो: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफ़ील से मनोज सिंह की बातचीत का संपादित अंश.
भीम आर्मी जिला अध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया को महाराणा प्रताप जयंती स्थल से कुछ ही दूरी पर गोली लगी.
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील शेखर नफाड़े ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बड़ी-बड़ी बातें कहते हैं कि वे नागरिकों के लिए 24×7 काम करते हैं.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव राउंडअप: राहुल के प्रधानमंत्री की दावेदारी पर मोदी ने साधा निशाना. ज़ुबान फिसली और सिद्धारमैया कर बैठे मोदी की तारीफ़.
न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन अधिनियम, 2017 के तहत कर्मचारियों को तय न्यूनतम वेतनमान से कम पर नौकरी पर रखने वाले नियोक्ताओं पर 20 से 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक़ मंसूर ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम समेत कई और जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है और अब तक किसी को इन तस्वीरों से कोई परेशानी नहीं हुई.
मामले की सुनवाई के लिए गठित पांच जजों की संविधान पीठ के गठन को लेकर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सवाल उठाए. पीठ के जबाव से संतुष्ट न होने पर सिब्बल ने याचिका वापस ले ली.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को पठानकोट स्थानांतरित करने और फास्टट्रैक कोर्ट में दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस मामले को अच्छी तरह संभाला है. कोई भी गलत कदम ऐसे हालातों को जन्म दे सकता था जहां पूरा राज्य सांप्रदायिकता की आग में जल गया होता.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में भुतहा गांवों यानी वीरान हो चुके गांवों की संख्या 968 थी, जो अब बढ़कर 1668 हो गई है.