पारुल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम में शामिल अफ्रीकी छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव और हमले की इस घटना ने एक्सचेंज कार्यक्रमों के तहत गुजरात आने वाले विदेशी छात्रों को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं. इस विश्वविद्यालय का पहले भी विवादों का इतिहास रहा है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, शहरी आबादी वाले चार प्रमुख जिलों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में 2015-16 से 2020-21 तक की अवधि के दौरान कुछ आदिवासी ज़िलों की तुलना में बच्चों में बौनापन, कमज़ोरी, गंभीर कुपोषण और कम वज़न के मामलों में तेज़ वृद्धि देखी गई.
गुजरात के वडोदरा से गिरफ़्तार इस शख़्स की पहचान मयंक तिवारी के रूप में हुई है. उसने दो बच्चों का दाख़िला कराने के बदले एक निजी स्कूल पीएमओ से कई अनुबंध दिलाने का झांसा दिया था. बीते मार्च में गुजरात के ही किरण पटेल को गिरफ़्तार किया गया था, जो ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था.
गुजरात में अहमदाबाद के नरोदा गाम में 28 फरवरी 2002 को सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 86 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे. नरोदा गाम में नरसंहार उस साल के नौ बड़े सांप्रदायिक दंगा मामलों में से एक था.