पुस्तक समीक्षा: दुष्यंत की हालिया किताब 'किस्से कॉफ़ियाना' पर विजयश्री तनवीर लिखती हैं कि लेखक ने कहानी और क़िस्से के दरमियां जो एक बारीक-सा अंतर है, उसे बड़ी ही ख़ूबी से संवारे रखा है. कहानी कभी ऊबाऊ और बोझिल हो सकती है, मगर क़िस्सा रोचक और हृदयग्राही होता है.