वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले पर जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर से विशाल जायसवाल की बातचीत.
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और अमरनाथ यात्रा पर रोक और कई अन्य सरकारी आदेशों से राज्य में अफरातफरी और अनिश्चितता का माहौल है. प्रदेश में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के महीने भर बाद भी पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर किसी का चुनाव नहीं हो सका है. आने वाले महीनों में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में अध्यक्ष चुनने में हो रही देरी पार्टी को भारी पड़ सकती है.
अप्रैल 2018 में दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बसे रोहिंग्या कैंप में आग लग गई थी, जिससे 25 परिवारों के करीब 250 रोहिंग्या शरणार्थी बेघर हो गए थे. इसके बाद उन्हें दूसरी जगह पर बसाया गया, लेकिन भारत में नागरिकता को लेकर चल रही बहस के बीच वे अमानवीय परिस्थितियों में चुपचाप ज़िंदगी गुज़ारने को मजबूर हैं.
वीडियो: दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बसे रोहिंग्या मुसलमानों के कैंप में पिछले साल 15 अप्रैल को आग लग गई थी. इस घटना के एक साल बाद भी वे अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. अभी भी सरकार की ओर से उनके लिए स्थायी तौर पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
ग्राउंड रिपोर्ट: एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद की अर्थला झील के किनारे कथित तौर पर अवैध रूप से बसे क़रीब 500 घरों को तोड़ने का आदेश दिया है. यहां के रहवासियों का आरोप है कि जब भूमाफिया अवैध रूप से ज़मीन बेच रहे थे तब स्थानीय प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और अब कार्रवाई के नाम पर उनके सिर से छत छीनी जा रही है.
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले बिना भेदभाव के एक साल के अंदर जिस संसद को अपराध मुक्त बनाने का वादा किया था वह पांच साल बाद भी पूरा नहीं हुआ. इस दौरान उनकी पार्टी के कई सांसदों और मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप लगे मगर आपराधिक मुकदमा चलाने की बात तो दूर, उन्होंने सामान्य नैतिकता के आधार पर किसी का इस्तीफ़ा तक नहीं लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए कुल 2267.62 करोड़ रूपये की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं मंजूरी की गई थीं लेकिन पिछले चार वर्षों में मात्र 8.63 प्रतिशत यानि 196 करोड़ रूपये की धनराशि ही जारी हो पाई.
सीवर में होने वाली मौतों के ख़िलाफ़ सफाई कर्मचारियों के संगठन ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर किया प्रदर्शन. संगठन ने कहा कि सफाई कर्मचारी का बच्चा सफाई कर्मचारी न बने, उसके लिए सरकार को प्रयास करने की ज़रूरत है.