छात्रसंघ चुनाव में काउंसिलर पद के लिए खड़े दो छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने ग़लत तरीके से उनका नामांकन ख़ारिज किया है, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव है. ‘लेफ्ट यूनिटी’ के तहत एसएफआई, डीएसएफ, आइसा और एआईएसएफ, बापसा के साथ फ्रैटर्निटी और एनएसयूआई के साथ एमएसएफ चुनाव मैदान में हैं. एबीवीपी और छात्र-राजद बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रहे हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि उसने यह पत्र किसी की सेवा को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक निकाय कार्यकारी परिषद द्वारा समीक्षा करने की जानकारी देने के लिए लिखा है और ऐसा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे एमआईटी और प्रिसंटन विश्वविद्यालय में भी होता है.
किसी यूनिवर्सिटी के बर्बाद होने का जितना सामाजिक और राजनीतिक समर्थन भारत में मिलता है, उतना कहीं नहीं मिलेगा. हम बगैर गुरुओं के भारत को विश्व गुरु बना रहे हैं. रोमिला थापर को भारत को विश्व गुरु बनाने के प्रोजेक्ट में सहयोग करना चाहिए. बस इतनी गुज़ारिश है कि सीवी में अंग्रेज़ी थोड़ी हल्की लिखें वरना उन पर संस्कृत की उपेक्षा का इल्ज़ाम लग सकता है.
प्रशासन ने कहा कि रोमिला थापर का सीवी यानी कि उनका शैक्षिक एवं कार्य अनुभव देखने के बाद यह फैसला किया जाएगा कि वह बतौर प्रोफेसर पढ़ाना जारी रखेंगी या नहीं. फिलहाल थापर जेएनयू में प्रोफेसर एमेरिटस हैं.
कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य छात्र संगठन एनएसयूआई और आइसा ने विरोध करते हुए कहा है कि सावरकर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के समकक्ष नहीं रखा जा सकता. उन्होंने 24 घंटों के भीतर मूर्तियां नहीं हटाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की धमकी दी.
छात्रा का कहना है कि उन्होंने यह पोस्ट जून 2017 में लिखी थी और उसे तुरंत डिलीट भी कर दिया था. इस संबंध में असम पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वच्छता अभियान के तहत कैंपस की दीवारों पर पोस्टर लगाने पर रोक लगा दी है. प्रशासन के इस क़दम से छात्र-छात्राओं में रोष है.
हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका विश्वविद्यालय के फैकल्टी और छात्रों को लिखे अपने पत्र में मशहूर समाजिक चिंतक प्रताप भानु मेहता ने कहा कि उनके इस्तीफ़ा देने के समय को लेकर सवाल उठेंगे लेकिन कम से कम व्यवधान के लिए वे सत्र की शुरुआत से पहले पद छोड़ना चाहते थे.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस) के हैदराबाद कैंपस में छात्रों का विरोध प्रदर्शन बीते हफ़्ते शुरू हुआ था. फीस में बढ़ोतरी और लड़कियों के हॉस्टल के आसपास सुरक्षा की कमी के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों और मॉब लिंचिंग से संबंधित पाठ शामिल किए गए हैं. आरोप है कि इसके ज़रिये आरएसएस और उससे संबद्ध संगठनों यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी निशाना बनाया जा रहा है. एबीवीपी ने कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया.
मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की. वे भाजपा के एसपी सिंह बघेल की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंध्र प्रदेश में जो जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है, वो दूसरा जेएनयू न बन पाए.
महाराष्ट्र की नागपुर यूनिवर्सिटी ने इतिहास की किताबों में संशोधन किया है और 'राइज एंड ग्रोथ ऑफ कम्युनलिज्म' नाम के चैप्टर को हटाकर 'राष्ट्र निर्माण में आरएसएस की भूमिका' नाम से एक नया चैप्टर शामिल किया है.
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों को जारी दिशानिर्देश के अनुसार सभी छात्रों के ट्विटर/फेसबुक/इंस्टाग्राम अकाउंट्स को मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ना होगा. हालांकि, इस पर विवाद होने के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह अनिवार्य न होकर वैकल्पिक है.