पूर्वोत्तर में एक नए क्षेत्रीय दल के तौर पर उभरे ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सदस्यीय मिज़ोरम विधानसभा की 27 सीटें जीती हैं. वहीं, सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं.
गौहाटी हाईकोर्ट ने बोंगाईगांव के निवासी फोरहाद अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिन्हें अक्टूबर 2019 में एक न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया था. अदालत ने चिंता व्यक्त की कि कई मामलों में बिना कारण बताए या दस्तावेज़ों का उचित विश्लेषण किए बिना लोगों को विदेशी घोषित कर दिया गया होगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि यह बदलाव विभिन्न क्षेत्रों से मतगणना की तारीख़ बदलने के लिए कई अनुरोध आने के बाद किया गया है. इससे पहले यहां अन्य चार चुनावी राज्यों की तरह 3 दिसंबर (रविवार) को मतगणना तय की गई थी. हालांकि ईसाई बहुल राज्य होने के कारण मिज़ोरम रविवार को पवित्र दिन मानता है, इसलिए तारीख़ में बदलाव की मांग कर रहा था.
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) का गठन 1964 में हुआ था. यह भारतीय क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहा है. यह उन आठ मेईतेई चरमपंथी संगठनों में से एक है, जिन्हें गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी क़ानून, ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ग़ैर-क़ानूनी संगठन घोषित किया है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने निर्णय लिया है कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के चार मेडिकल कॉलेजों के सभी विस्थापित छात्रों को चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कक्षाएं या हाइब्रिड मोड में कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. एनएमसी ने कहा कि उपरोक्त अनुमति मणिपुर में असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि शवों को अनिश्चितकाल तक मुर्दाघर में नहीं रखा जा सकता. अदालत में दी गई दलीलों के अनुसार, 88 पहचाने गए शव मुर्दाघर में हैं, जिन पर उनके परिजनों ने दावा नहीं किया है. छह शवों की कथित तौर पर पहचान नहीं हुई है.
इन 256 लोगों को अरुणाचल प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2018 और इस साल की शुरुआत के बीच शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. सबसे अधिक 101 कर्मचारियों को सियांग ज़िले में बर्ख़ास्त किया गया है. इसके बाद चांगलांग ज़िले में 72 और अंजाव ज़िले में 26 कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया गया है.
मणिपुर विधानसभा बुलेटिन के अनुसार, कुकी-ज़ो समुदाय से आने वाले विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे, हाओखोलेट किपगेन और एलएम खौटे को उन समितियों से हटा दिया गया है, जिसकी ये अध्यक्षता कर रहे थे. इन्हें हटाने के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है. इस बीच ताज़ा हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के एक और युवक की मौत हो गई है.
मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक विभिन्न पुलिस थानों और अन्य स्थानों से लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार लोगों के हाथों में हैं, मणिपुर में हिंसा ख़त्म नहीं होगी.
बीते छह महीने से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बाद वर्तमान में लगभग 12,000 मणिपुरी मिज़ोरम में शरण लिए हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले कई महीनों में ‘बार-बार अनुरोध’ के बावजूद केंद्र सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत देने के लिए नकद या अन्य कोई सहायता नहीं दी है.
मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले में 20 नवंबर को हुई हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के दो व्यक्तियों की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं, आदिवासी एकता समिति ने कुकी-ज़ो समुदाय के लोगों पर हमले की निंदा करते ज़िले में ‘आपातकालीन बंद’ की घोषणा की है.
पूर्वोत्तर राज्यों के मामलों की सुनवाई करने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार ने कहा कि मणिपुर हिंसा में एक विशेष तारीख तक 180 लोग मारे गए थे, लेकिन 93 लोगों को ही 10 लाख रुपये का मुआवज़ा मिला है. चार सप्ताह के भीतर सरकार सभी को मुआवज़ा जारी करे.
मणिपुर में कुकी-ज़ो लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने तेंगनौपाल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िलों में ‘स्व-शासन’ की घोषणा की है. आईटीएलएफ के एक नेता ने कहा कि हमें ‘मेईतेई मणिपुर सरकार’ से कोई उम्मीद नहीं है और अगर केंद्र हमें मान्यता नहीं देता है तो हमें कोई परवाह नहीं है.
मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.