मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनके संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे. बीते 3 मई को मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान राज्य में हिंसा भड़क गई थी.
मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.
त्रिपुरा के ब्लॉगर बापन नंदी पर बीते 22 अप्रैल को स्थानीय भाजपा नेताओं ने हमला कर उनकी पिटाई की. नंदी ने कथित तौर पर ईद पर एक वीडियो और एक गाना भी बनाया था. वीडियो में लोगों से सांप्रदायिक आधार पर विभाजित नहीं होने और ईद के त्योहार को सद्भाव से मनाने की अपील की गई थी.
गौहाटी हाईकोर्ट ने एक ख़बर का स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें होजई के डोबोका शिविर की बदहाल व्यवस्था दर्ज करते हुए 18 महीने से 6 साल के 50 बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने के बारे में बताया गया था. मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी की शिविर के दौरे के बाद दी गई रिपोर्ट में बेहद अमानवीय स्थिति सामने आई है.
कार्बी आंगलोंग ज़िला स्थित भाजपा कार्यालय में नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि हमसे जुड़ने वाले सदस्य पार्टी को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार जीत हासिल करें.
सुप्रीम कोर्ट ने एक दशक से अधिक लंबे अंतराल के बाद स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने के लिए दिए गए वचन का उल्लंघन करने के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, राज्य के मुख्य सचिव और आदिवासी नेताओं को नोटिस जारी किया है.
दिसंबर 2021 में मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी. मामले को लेकर नगालैंड पुलिस ने मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की गई थी. नियमानुसार उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने के लिए मोदी सरकार से मंज़ूरी मांगी गई थी.
मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बेदख़ली अभियान पर इसी अदालत के 2020 में दिए यथास्थिति के आदेश को रद्द करने के कुछ दिनों बाद चर्चों को ध्वस्त कर दिया गया. इंफाल पूर्वी ज़िले में ध्वस्त की गईं तीन चर्चों में से एक 1974 से अस्तित्व में थी. राज्य की 41 प्रतिशत से अधिक आबादी ईसाई है.
असम की मरियानी विधानसभा से भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी ने बीते हफ्ते कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंदिर बनाने के लिए ताजमहल को ढहाने की सिफ़ारिश की है. असम के एक वकील ने उनके बयान को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला बताते हुए स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. भाजपा ने विधायक के बयान के संबंध में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर को तांत्रिक साधनाओं का केंद्र माना जाता है. यह पूरे भारत में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है. गुवाहाटी पुलिस के मुताबिक, 64 वर्षीय महिला की हत्या जून 2019 में वार्षिक उत्सव अंबुबाची के दौरान हुई थी.
नवंबर 2021 में गुवाहाटी में एक कार्यक्रम हुआ. पांच महीने बाद उस आयोजन को करवाने का टेंडर निकाला गया. ऐसा कैसे संभव है और इसे पाने वाली कंपनी के कारोबार से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के परिवार का क्या रिश्ता है?
बीते 2 अप्रैल को चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलकर अपने नाम दे दिए थे. भारत ने इसे ख़ारिज करते हुए अरुणाचल को अपना अभिन्न अंग बताया है. वहीं विपक्षी दलों ने इस विषय पर चुप रहने और संसद में किसी भी प्रश्न और बहस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है.
चीन ने रविवार को भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलकर अपने नाम दे दिए हैं. जिन क्षेत्रों का नामकरण किया गया है, उनमें दो आवासीय क्षेत्र, पांच पर्वत शिखर और दो नदियां शामिल हैं. बीते छह सालों में अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का यह चीन का तीसरा प्रयास है. भारत ने इस क़दम को ख़ारिज किया है.
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में त्रिपुरा विधानसभा में बजट संबंधी चर्चा के दौरान भाजपा विधायक जादव लाल नाथ द्वारा फोन पर अश्लील वीडियो देखने का दावा किया जा रहा है. वहीं, विधायक का कहना है कि उनके पास बार-बार कॉल आ रहे थे और कॉल उठाने के बाद फोन पर अश्लील वीडियो चलने लगे.
फरवरी 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिन के असम दौरे पर थे, जिस दौरान वे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी गए थे. अब एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि उनकी मेजबानी इंतज़ामों के लिए सरकार ने 1.1 करोड़ रुपये बाघ संरक्षण निधि और 51 लाख रुपये उद्यान के एक अन्य वन्यजीव कोष से लिए थे.