असम और मिज़ोरम के बीच सीमा विवाद की वजह क्या है?

मौजूदा असम और मिज़ोरम के बीच 164 किलोमीटर की सीमा ब्रिटिश ज़माने से ही है जब मिज़ोरम को असम के एक ज़िले लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था. विवाद 1875 की एक अधिसूचना से उपजा है, जो लुशाई हिल्स को कछार के मैदानी इलाकों से अलग करता है, जबकि 1933 की एक अन्य अधिसूचना ने उस विवाद को बढ़ाने का काम किया, जिसके तहत लुशाई हिल्स और मणिपुर के बीच एक सीमा निर्धारित कर दी गई.

सीमा विवादः असम के मुख्यमंत्री ने वीडियो ट्वीट कर कहा- मिज़ोरम पुलिस ने मामला बढ़ाया

लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर बीते सोमवार को असम और मिज़ोरम पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में असम के कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 50 अन्य घायल हो गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

दिल्लीः मणिपुर के पत्रकार ने पड़ोसियों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, केस दर्ज

मामला दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके का है. मणिपुर के पत्रकार रोनेंद्र सिंह सपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि पूरी तरह तैयार हुए बिना और साज-सज्जा के बग़ैर फ्लैट देने पर बिल्डर के ख़िलाफ़ जब उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, तब उनके पड़ोसियों ने उन्हें धमकी दी और उत्पीड़न किया.

असम-मिज़ोरम सीमा विवाद: दोनों राज्यों की पुलिस के बीच संघर्ष, असम के छह पुलिसकर्मियों की मौत

सीमा विवाद को लेकर असम और मिज़ोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी हुई. दोनों मुख्यमंत्रियों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमंता बिस्वा शर्मा और ज़ोरमथांगा से बात कर शांति बनाए रखने की अपील की है.

असम में बीते 25 सालों में हुई 2.15 लाख करोड़ की अनियमितताओं का अब तक जवाब नहीं: कैग

कैग ने असम विधानसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि असम सरकार के विभिन्न विभागों में 1994 से लेकर अगले 25 वर्षों के दौरान हुई 2,15,286 करोड़ रुपये की जिन कथित अनियमितताओं का उसने उजागर किया था, उससे संबंधित प्रश्नों का राज्य सरकार उत्तर नहीं दे पाई. 

असम: बंद पड़ी पेपर मिल के एक और कर्मचारी की मौत, संघ ने कहा- कुल मृतक संख्या 92 हुई

असम में नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज़्ड यूनियन्स ने दावा किया है कि 14 जून के बाद से बंद मिलों के चौथे कर्मचारी की मौत हुई है और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पिछले ढाई महीने में यह छठी मौत है. पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल के दौरान भुखमरी या फिर इलाज की कमी के कारण 85 अन्य कर्मचारियों

मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने के चलते जेल में डाले गए पत्रकार रिहा

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने भाजपा अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की कोविड-19 महामारी से निधन के बाद फेसबुक पर एक व्यंगात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि गोमूत्र और गोबर काम नहीं आया. बीते मई महीने में गिरफ़्तारी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जेल में डालकर एनएसए लगा दिया था.

निगरानी सूची में असम और नगा शांति वार्ता से जुड़े बड़े नेताओं के नंबर शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: असम के दो बड़े नेताओं, एक मणिपुरी लेखक और प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के कई नेताओं के नंबर उस सूची में दर्ज हैं, जिनके फोन को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये हैक कर निगरानी करने की संभावना जताई जा रही है.

भारतीय सभ्यता के संदर्भ में धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित किया जाए: हिमंता बिस्वा शर्मा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने वामपंथी बुद्धिजीवियों, उदारवादियों और मीडिया पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश के बौद्धिक समाज में अब भी वाम.उदारवादियों का वर्चस्व है और मीडिया ने वैकल्पिक आवाजों की अनदेखी करते हुए उन्हें ज़्यादा स्थान दिया है. उन्होंने कहा कि वामपंथी सोच को चुनौती दी जानी चाहिए और अस्तित्व के लिए हमारे लंबे संघर्ष, इतिहास पर आधारित अधिक विचारोत्तेजक पुस्तकों को सही परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाना चाहिए.

सीएए, एनआरसी का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना-देना नहीं: मोहन भागवत

असम में एक किताब के विमोचन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा ही किया गया है. हम ऐसा करना जारी रखेंगे. सीएए के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा.

मणिपुर: कंटेंट की निगरानी के लिए सभी ज़िलों को सोशल मीडिया सेल स्थापित करने का निर्देश

मणिपुर के सभी ज़िला पुलिस अधीक्षकों को 15 जुलाई को जारी विभागीय संदेश में मणिपुर के अतिरिक्त डीजीपी (खुफिया) ने राज्य की सभी बोलियों में लिखे गए सभी पोस्ट्स/अपलोड्स/टिप्पणियों की लगातार निगरानी करने और निष्कर्षों पर 15 दिन में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

मणिपुरः कार्यकर्ता को हिरासत में रखने के मामले में कोर्ट ने मुआवज़े पर राज्य से जवाब मांगा

मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम पर कोविड-19 संक्रमण के उपचार के तौर पर गौमूत्र एवं गोबर के इस्तेमाल को लेकर भाजपा नेताओं की आलोचना करने पर एनएसए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ज़मानत मिलने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया गया था. बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तत्काल रिहाई को आदेश जारी किया था.

मुस्लिम इलाकों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए युवाओं की सेना तैयार की जाएगीः असम मुख्यमंत्री

असम के मुख्मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि लगभग 1,000 युवाओं को जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को लेकर जागरूकता फैलाने और गर्भनिरोधक का वितरण करने के काम में लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह आशा कार्यकर्ताओं का एक अलग कार्यबल बनाने की भी योजना बना रहे हैं, जिन्हें जन्म नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने और गर्भ निरोधकों की आपूर्ति करने का काम सौंपा जाएगा.

मिज़ोरम और असम के बीच सीमा विवाद बढ़ा, अतिक्रमण को लेकर तनाव गहराया

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के उपायुक्त ने असम के कछार ज़िले के प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई को सीमा पर गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर अत्याचार करने और मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है. वहीं, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 10 जुलाई को तनाव उस समय शुरू हुआ, जब मिज़ोरम के लगभग 25 से 30 लोगों ने असम के

एनएसए के तहत गिरफ़्तार मणिपुर के कार्यकर्ता को रिहा करेः सुप्रीम कोर्ट

मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम को कोरोना वायरस से मणिपुर भाजपा अध्यक्ष की मौत के संबंध में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में बीते 13 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इस पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की गई थी. मई महीने में ही उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है.

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