मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम को कोरोना वायरस से मणिपुर भाजपा अध्यक्ष की मौत के संबंध में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में बीते 13 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इस पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की गई थी. मई महीने में ही उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है.
मणिपुर के गृह विभाग द्वारा जारी इस अधिसूचना के ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि अभी तक टीका नहीं लगवा पाए व्यक्तियों को संस्थानों, संगठनों, कारखानों और दुकानों को खोलने से दूर करना उनकी आजीविका से वंचित करना होगा, जो अगर असंवैधानिक नहीं तो गै़र-क़ानूनी है.
असम विधानसभा में राज्य में मुठभेड़ों की बढ़ती संख्याओं पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया कि गत दो महीनों के दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 15 कथित अपराधी मारे गए, जबकि 23 अन्य घायल हुए. ये मुठभेड़ कथित अपराधियों द्वारा पुलिस के हथियार छीनकर हमला करने और भागने की कोशिश के दौरान हुई.
कैग ने असम के पांच अस्पतालों में आठ साल से भी ज्यादा वक्त से ट्रॉमा केयर केंद्रों का संचालन न करने को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की खिंचाई की. विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित ये सेंटर सिर्फ आवश्यक मानव संसाधन की कमी के कारण नहीं चल रहे हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा द्वारा पेश गो- संरक्षण विधेयक के तहत हिंदू, जैन, सिख बहुल्य इलाकों और गोमांस न खाने वाले अन्य समुदायों वाले क्षेत्रों में गोमांस की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है. साथ ही मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस खरीदने-बेचने की मनाही है.
वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.
असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.
असम में बीते दो महीने में कथित तौर पर हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे क़रीब 12 संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया गया है, जिसे लेकर विपक्ष के सवालों के बाद इन्हें उचित ठहराते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि आरोपी पहले गोली चलाए या भागने की कोशिश करे, तो क़ानूनन पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.
असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.
अगरतला में 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों का स्मारक था, जहां हर साल 26 जनवरी तथा 15 अगस्त को राज्य सरकार और सेना की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती थी. इसे यहां से स्थानांतरित करने पर रोष जताते हुए विपक्षी दलों व बांग्लादेश के कुछ बुद्धिजीवियों ने इसे मूल जगह पर वापस लाने की मांग की है.
असम में बीते दो महीने में कथित तौर पर हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे क़रीब 12 संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया गया है, जिसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुठभेड़ों को उचित ठहराते हुए कहा कि आरोपी पहले गोली चलाए या भागने की कोशिश करे, तो क़ानूनन पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.
ये मामला हिमाचल सिंह नामक एक पीएचडी छात्र से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पिछले साल एक शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल करने के चलते एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था. कोविड-19 महामारी बाद कैंपस खुलने पर उन्हें छह शर्तों के साथ पढ़ने की अनुमति दी गई है. छात्र ने आईआईटी प्रशासन के इस आदेश को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
बीते 10 मई को हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि पर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पुलिस नई सरकार के सामने ख़ुद को साबित करने की कोशिश कर रही है. वहीं, असम पुलिस ने दावा किया है कि उग्रवादियों और अपराधियों ने ही उसके कर्मचारियों को गोलियां चलाने पर मजबूर किया था.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.
मिज़ोरम सरकार की उस मानक संचालन प्रक्रिया को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोगों को टीका लगवाना होगा, नहीं तो उन्हें अपने घर से बाहर निकलने, घर से दूर जाकर कमाई करने, सार्वजनिक गाड़ियों की ड्राइविंग इत्यादि की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने कहा कि ऐसा करना संविधान के तहत दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है.