कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने 700 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है. इस कदम का स्वागत करते हुए एमेनस्टी इंडिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हिरासत केंद्रों में विदेशी घोषित किए गए और संदिग्ध नागरिकों को भी तत्काल रिहा किया जाए.
मुंबई के कलीना इलाके का मामला. पुलिस ने एपिडेमिक डिज़ीज़ एक्ट के तहत अज्ञात बाइकर के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया. दिल्ली में बीते मार्च महीने में मणिपुर की ही एक अन्य युवती को कोरोना कहकर उस पर एक युवक ने पान थूक दिया था.
दीमापुर ज़िला प्रशासन ने एक अप्रैल की सुबह छह बजे से तीन अप्रैल, 2020 की मध्य रात्रि तक सभी दुकानों, वाणिज्यिक एवं निजी प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिया है.
असम सरकार ने ऐलान किया है कि 58 लाख परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अप्रैल से निशुल्क चावल उपलब्ध कराए जाएंगे.
यह घटना रविवार रात मुखर्जी नगर के विजय नगर इलाके में हुई थी. आरोपी की पहचान 40 वर्षीय गौरव वोहरा के रूप में हुई है.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर तकरीबन 500 हुए. पूर्वोत्तर में संक्रमण का पहला मामला सामने आया. मणिपुर में 23 वर्षीय युवती को वायरस से संक्रमित पाया गया.
दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल कर रही हैं छात्रा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस से आरोपी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
शिलांग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और इनर लाइन परमिट के समर्थन में हुई बैठक के दौरान खासी स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हुई. इस दौरान दस लोगों को चाकू मारा गया था.
असम एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के लगभग छह महीने बीतने के बाद राज्य के एनआरसी संयोजक हितेश देव शर्मा ने राज्य के सभी 33 ज़िलों के अधिकारियों से इस लिस्ट में शामिल हो गए 'अयोग्य' लोगों के नामों की जांचकर इसकी जानकारी देने को कहा है.
एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर डेटा सेव करने के लिए आईटी कंपनी विप्रो ने क्लाउड सेवा मुहैया कराई थी, जिससे अनुबंध का नवीनीकरण न हो पाने के चलते एनआरसी का डेटा ऑफलाइन हो गया है.
बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने उल्फा (आई) गुट के नेता परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. वहीं, उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने कहा कि यदि हम एक संप्रभु और स्वतंत्र असम के बारे में चर्चा करने और इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर आने में सक्षम हैं, तो हम निश्चित रूप से इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
बोडो संगठन लगभग पांच दशक से पृथक राज्य की मांग करते रहे हैं. केंद्र सरकार ने असम के उग्रवादी समूहों में से एक एनडीएफबी और दो अन्य संगठनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते में कहा गया है कि एनडीएफबी के सदस्यों के ख़िलाफ़ ग़ैर-जघन्य आपराधिक मामलों को वापस लिया जाएगा.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के तक़रीबन 37 हज़ार लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के मामित, कोलासिब और लुंगलेई ज़िलों में बस गए थे. इन्हें वापस भेजने के क्रम में पिछले साल केंद्र ने त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में दी जाने वाली मुफ्त राशन की व्यवस्था रोक दी थी, जिसके बाद काफी प्रदर्शन हुआ था.
दिसंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद असम में एनआरसी अपडेट करने की तैयारी शुरू की गई थी. एनआरसी का अंतिम प्रकाशन अगस्त 2019 में किया गया था, जिससे असम में रह रहे 19 लाख से ज़्यादा लोग बाहर हो गए थे. पिछले साल असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है.