छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में 1937 में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल को उनकी विशिष्ट लेखन शैली के लिए पहचाना जाता है. पुरस्कार समारोह 2 मार्च को न्यूयॉर्क में आयोजित किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर में 26 फरवरी की शाम को एक समाचार चैनल के ज़िला संवाददाता देवेंद्र खरे पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें वह घायल हो गए. उनकी शिकायत पर भाजपा ज़िलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के भाई ऋतुराज सिंह और अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दीपक गुप्ता ने न्यायिक नियुक्तियों और सुधारों पर बात करते हुए कहा कि अगर सेवानिवृत्ति के कगार पर खड़े जज सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की चाह में सत्ता के गलियारों में भीड़ लगाते हैं तो क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने सरकार द्वारा जजों के नामों को मंज़ूरी देने में धर्म के आधार पर भेदभाव किए जाने की भी बात कही है.
प्याज़ की कीमतों में लगातार गिरावट से आंदोलित किसानों ने सोमवार से महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में स्थित लासलगांव कृषि उत्पाद बाज़ार समिति (एपीएमसी) में प्याज़ की नीलामी रोक दी. दरअसल प्याज़ की प्रति किलो कीमत 2 से 4 रुपये तक आ गई, जिससे किसान नाराज़ हैं.
विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने बीते 18 जनवरी को आरोप लगाया था कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं, जिसके बाद मामले की जांच के लिए निगरानी समिति का गठन किया गया था.
2016 में पेरुमल मुरुगन की किताब 'मधोरुबगन' पर लगे अश्लीलता के आरोपों के चलते इस पर रोक लगाने की मांग ख़ारिज करते हुए मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि जिसे किताब नहीं पसंद है वो इसे फेंक दे. इस पीठ में शामिल रहे जस्टिस एसके कौल ने बीते हफ्ते एक कार्यक्रम में कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांत कलाकार के पक्ष में हैं, उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता.
छात्रा तेलंगाना के वारंगल स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थीं. उनकी पहचान 26 वर्षीय डॉ. धारावत प्रीति के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने खुद को एक इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद उनका इलाज हैदराबाद के निज़ाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में चल रहा था.
वीडियो: पंजाब में हाल ही में ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन के सदस्यों ने अमृतसर के अजनाला में जमकर बवाल किया. इस दौरान अजनाला थाने पर भी हमला किया गया. ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के क़रीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे. अमृतपाल एक धार्मिक उपदेशक हैं, जो अलग खालिस्तान राष्ट्र के समर्थक हैं.
वीडियो: बीते 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर लगातार की जा रही हत्या के विरोध में यहां के लोगों में आक्रोश है.
वीडियो: दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने बीते रविवार को आठ घंटे के पूछताछ के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार कर लिया था. इसके विरोध में बीते सोमवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया.
बीते सोमवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले प्रदर्शनकारी जम्मू में राहत आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन इलाके में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया.
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका के मक़सद पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ब्रिटिश देश में 'फूट डालो और राज करो' की नीति लाए थे, जिसने समाज को तोड़ा. हमें इसे दोबारा ऐसी याचिकाओं से नहीं तोड़ना चाहिए...
सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ कुल 23 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से पांच में योजना को चुनौती दी गई थी, वहीं अन्य 18 में पुरानी भर्ती प्रणाली को लागू करने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन सभी को ख़ारिज करते हुए कहा कि उसे योजना में दख़ल देने की कोई वजह नहीं दिखती.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में हुई आतंकी घटना. मृतक की पहचान संजय कुमार शर्मा की रूप में हुई. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के बाद प्रशासन द्वारा उनके घर को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. अचन में संजय का अकेला कश्मीरी पंडित परिवार है, जो घाटी में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने पर यहां वापस आ गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने और आने वाली पीढ़ियों को इस ‘अमानवीय प्रथा’ से रोकने के अपने लगभग 10 साल पुराने फैसले को लागू करने के लिए उठाए गए क़दमों का रिकॉर्ड छह सप्ताह के भीतर अदालत के सामने पेश करे.