गुजरात चुनाव राउंड अप: चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन में ‘पप्पू’ शब्द के इस्तेमाल पर लगाई रोक. यशवंत सिन्हा ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा तुगलक ने भी की थी नोटबंदी.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार से अलग राज्य बनने के बाद लगा था कि झारखंड आर्थिक समृ़द्धि की नई परिभाषाएं गढ़ेगा लेकिन 17 साल बाद भी राज्य से कथित भूख से मरने जैसी ख़बरें ही सुर्खियां बन रही हैं.
जन गण मन की बात की 149वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था में नकद की वापसी और जवाहरलाल नेहरू पर चर्चा कर रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका ने न्यायाधीशों की ईमानदारी पर अनावश्यक संदेह पैदा किया है.
साल 2013 में कॉन्स्टेबल की परीक्षा में चयन होने के बाद विभाग ने गंगा कुमारी की नियुक्ति रोक दी थी, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी.
16 नवंबर को होगी सुनवाई. दिल्ली में ज़हरीली हवा बरक़रार. कोलंबियाई अनुसंधानकर्ता ने आॅड-ईवेन में बाइक और आॅटो शामिल करने का सुझाव दिया.
विधि विशेषज्ञों की मानें तो अब जो स्थिति है, उसमें चाहे विवाद कोर्ट के बाहर सुलझ जाए या फैसला हिंदुओं के पक्ष में आ जाए, मंदिर निर्माण में विहिप की कोई भूमिका मुमकिन नहीं है.
ज़हरीली धुंध का कहर जारी, उच्च न्यायालय ने भी दिल्ली की सड़कों पर प्रदूषण रोकने के सुझाव दिए.
मीडिया बोल की 23वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश फिल्म पद्मावती से जुड़े विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार रितुल जोशी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही है दाल. जून में किसानों का हिंसक आंदोलन झेल चुके सूबे में कृषि क्षेत्र के संकट का मुद्दा फिर गरमाता नज़र आ रहा है.
सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उमर ख़ान की हत्या गोरक्षकों द्वारा करने का आरोप लगाया था.
जयपुर में नींदड आवासीय योजना के विरोध में किसानों ने पिछले महीने ज़मीन समाधि सत्याग्रह किया था.
एनजीटी ने तय की सीमा. मंदिर तक पहुंचने वाले नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को जाने की इजाज़त नहीं होगी बल्कि इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से भी हटाया जाएगा.
ऑड-ईवन पर एनजीटी का दिल्ली सरकार पर तंज, 'रिव्यू पिटीशन डालने की जानकारी सिर्फ मीडिया को दी थी.'
पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण बता रहे हैं कि 10 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में जो हुआ, वह सर्वोच्च न्यायालय और भारत की न्यायपालिका के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है.