पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, हमें उम्मीद थी कि जब हमारी सरकार बनेगी तो अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा में आगे बढ़ेंगे लेकिन जिस गति से योजनाओं पर काम होना था वो नहीं हुआ.
जन गण मन की बात की 126वीं कड़ी में विनोद दुआ ईशा फाउंडेशन के जग्गी महाराज और न्यायाधीश जयंत पटेल के इस्तीफे पर चर्चा कर रहे हैं.
नवंबर 2013 में गोवा में आयोजित एक समारोह में तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल पर उसी पत्रिका में काम करने वाली एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहाकि वर्ष 2008 का वित्त आर्थिक संकट अभी तक टला नहीं है.
कहा, यशवंत सिन्हा सच्चे अर्थों में राजनेता हैं, जिसने खुद को साबित किया है और जो देश के सबसे सफल वित्त मंत्रियों में से एक हैं.
मेरे एक दोस्त ने मुझे प्रार्थना करने को कहा. जब मैंने उसे नास्तिक होने की बात बताई तो उसने कहा, ‘अपने अंतिम दिनों में तुम विश्वास करने लगोगे.’ मैंने कहा, ‘नहीं, प्यारे दोस्त, ऐसा नहीं होगा. मैं इसे अपने लिए अपमानजनक तथा भ्रष्ट होने की बात समझता हूं. स्वार्थी कारणों से मैं प्रार्थना नहीं करूंगा.’
पंकज त्रिपाठी जब बिहार के छोटे से गांव से पटना पहुंचे तो उन्हें डॉक्टर बनना था, लेकिन वह छात्र राजनीति में कूद पड़े. राजनीति से रंगमंच के रास्ते उनका सफर मुंबई तक पहुंच गया है.
ईशा फाउंडेशन के जग्गी वासुदेव के योग आश्रम से अपनी ज़मीन वापस लेने के लिए कोयंबटूर की मुताम्मा लंबे समय से लड़ाई लड़ रही हैं.
डॉलर की भारी मांग के चलते रुपये को झटका, 14 मार्च के बाद रुपये में सबसे बड़ी गिरावट.
2019 के चुनावों से 18 महीने पहले, भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई दिखाई दे रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार 2022 तक पूरे किए जाने वाले नामुमकिन वादों की झड़ी लगाने का सिलसिला जारी है.
जिस सुरक्षा को लेकर बीएचयू में पूरा बवाल हुआ, उसकी स्थिति अब भी वैसी ही है. जिस जगह पर छात्रा को छेड़ा गया था, वहां अब भी रोशनी का इंतज़ाम नहीं हुआ है.
जन गण मन की बात की 125वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की टिप्पणी और सरदार भगत सिंह पर चर्चा कर रहे हैं.
यशवंत सिन्हा लिखते हैं, ‘प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबी को नज़दीक से देखा है. उनके वित्त मंत्री सुनिश्चित कर रहे हैं कि देशवासियों को भी इसे उतने ही पास से देखने का मौका मिले.’
चिदंबरम ने कहा, सरकार आर्थिक गिरावट को लेकर बेखबर, अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी रखने वाले और उद्योग जगत के लोग भयभीत हुए बिना बोलें.
बिगड़ती अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार की नाकामी को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के लेख पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.