एक अमेरिकी एनजीओ द्वारा प्रकाशित ‘भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ घृणा अपराध की ज़्यादातर घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में राजनीतिक प्रभाव में आकर पुलिस पीड़ितों की मनमानी गिरफ़्तारी करती है या उनकी शिकायत दर्ज करने से मना कर देती है.
मद्रास हाईकोर्ट में द्रमुक पार्टी के सदस्य कुन्नूर सीनिवासन द्वारा द्वारा दाखिल याचिका में वित्त अधिनियम, 2022 की पहली अनुसूची, भाग I, पैराग्राफ ए को रद्द करने की मांग की है. अधिनियम का यह हिस्सा आयकर की दर तय करता है. कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले में मेघालय सीमा पर लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक पर असम पुलिस द्वारा गोलीबारी करने का आरोप है. जबकि पुलिस का कहना है कि जब उसने ट्रक में अवैध लकड़ियों का परिवहन करने वालों को पकड़ लिया तो मेघालय के लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. हालात नियंत्रित करने के लिए उसे गोलियां चलानी पड़ीं.
पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने एक कार्यक्रम में कहा कि हाल के दिनों में गिरफ़्तारियां स्वाभाविक रूप से, बार-बार और बिना किसी कारण के की जा रही हैं. गिरफ़्तारी यह देखे बिना की जाती है कि क्या इसकी आवश्यकता है. दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में पेश किया जाता है और यह न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालता है.
कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उनकी गिरफ़्तारी के एक साल पूरे होने पर मानवाधिकार समूहों ने कहा कि उनकी मनमानी हिरासत भारतीय अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची का हिस्सा है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को ‘पुराने ज़माने’ का आदर्श बताया था. इसके बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल को राज्य से बाहर भेजने की मांग की है.
आरोप है कि बेंगलुरु शहर में मतदाता पहचान-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु घर-घर सर्वेक्षण करने के काम में लगे एक एनजीओ के सदस्यों ने ख़ुद को बीएलओ बताते हुए लोगों की जाति, उनके आधार सहित अन्य निजी ब्योरा एकत्र किया है.
शीर्ष अदालत ने बीते 11 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार ने भी इसके ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर की है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,69,715 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,591 है. विश्व में संक्रमण के 63.84 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं और अब तक 66.22 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में अवैध शराब व्यापार के मामलों में जांच में प्रगति पर असंतोष ज़ाहिर करते हुए कहा कि कि नेताओं, पुलिस और अधिकारियों की आंख मूंदकर की जा रही सक्रिय मिलीभगत का ग़रीबों के जीवन पर दुखद असर होगा. ज़हरीली शराब त्रासदी में महंगी ह्विस्की लेने वाले नहीं, ग़रीब मारे जाते हैं.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कृषि मंत्रालय ने बताया है कि पीएम-किसान योजना के तहत 2019 में 11.84 करोड़ किसानों को दो हज़ार रुपये की पहली किस्त मिली थी, वहीं इस साल केवल 3.87 करोड़ लाभार्थियों को ही 11वीं किस्त मिली है.
केरल हाईकोर्ट ने 15 वर्षीय लड़की का कथित रूप से अपहरण और बलात्कार करने के आरोप में 31 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिसका दावा है कि उसने शादी कर ली थी. आरोपी ने तर्क दिया था कि पॉक्सो के तहत उस पर मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह की अनुमति देता है.
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम झारखंड में बलात्कार के एक मामले में आरोपी हैं और उन्होंने अपने चुनावी हलफ़नामे में इसका विवरण नहीं दिया है.
मुज़फ़्फ़रनगर की एमपी/एमएलए अदालत ने 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े एक मामले में 10 अक्टूबर को खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी और 11 अन्य लोगों को दो साल की जेल की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद यूपी विधानसभा ने उन्हें अयोग्य ठहरा कर उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी थी.
रसना समूह ने कहा कि 85 वर्षीय अरीज़ पिरोजशॉ खंबाटा ने भारतीय उद्योग, व्यापार और समाज की सेवा के ज़रिये सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने 1970 के दशक में उच्च कीमत पर बेचे जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक उत्पादों के विकल्प के रूप में रसना के किफ़ायती शीतल पेय पैक बनाए थे.