साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वामित्व योजना' की शुरुआत की थी. तब बताया गया था कि ग्रामीण ज़मीनों का सर्वेक्षण करने के बाद उनका मालिकाना हक़ ग्रामीण आबादी को दिया जाएगा. इस साल जुलाई में संसद में बताया गया कि दिल्ली की ग्रामीण क्षेत्र में यह योजना लागू नहीं होगी, जिसके बाद से यहां के लोगों ने केंद्र की इस उपेक्षा पर सवाल उठाए हैं.
नगालैंड में कोन्यक जनजाति का शीर्ष संगठन ‘कोन्यक यूनियन’ ने मोन ज़िले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे ‘ग़लत पहचान’ और सुरक्षा बलों द्वारा ‘आत्मरक्षा’ में आम लोगों पर गोली चलाने के तर्क को भी ख़ारिज किया और कहा कि उन्हें कोन्यक और नगालैंड के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए.
ट्विटर की ओर से कहा गया है कि जैसे ही हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकांउट की हैकिंग के बारे में पता चला हमारी टीमों ने उस एकांउट को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए. हमारी जांच से पता चला है कि इस समय किसी अन्य एकाउंट के प्रभावित होने के कोई संकेत नहीं हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, मणिपुर और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
सरकार की ओर से जारी इस एडवाइज़री में कहा गया है कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे तेज़ी से मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऑनलाइन गेमिंग के आदी हुए हैं. इसमें परिजनों को सुझाव दिया गया है कि वे बच्चों की ऑनलाइन गतिविधि से संबंधित असाधारण गोपनीय व्यवहार और विशेष रूप से सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय में वृद्धि पर नज़र रखें.
झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका क्षेत्र का मामला. बीते दो सालों से बंद पड़े स्कूलों के विरोध में निकली रैली में शामिल अभिभावकों ने कहा कि अगर भीड़ को बाज़ारों, शादी और क्रिकेट स्टेडियम में जाने की अनुमति है तो स्कूलों को क्यों बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर ज़ोर दे रही है, लेकिन मनिका जैसे इलाकों में कुछ ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ पाते हैं.
बीएसएफ़ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर अंदर तक के क्षेत्र में तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी के लिए अधिकृत करने को लेकर केंद्र सरकार ने बीते अक्टूबर माह में बीएसएफ़ अधिनियम में संशोधन कर दिया था.
बीते आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य कर्मचारियों की मौत पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर देश भर में कम से कम आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, और जम्मू कश्मीर बैंक ने एक महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया है.
बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन ज़िले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिसंबर को संसद में कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई थी. विभिन्न संगठन उनके इस बयान को झूठ बताते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.
भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 7,774 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,46,90,510 हो गई है. इसी तरह बीते एक दिन में 306 और मरीज़ों की मौत के बाद इस वैश्विक महामारी की चपेट में आकर जान गंवाने वालों का आंकड़ा 4,75,434 हो चुका है.
जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि ये दोनों पत्रकार उन चार पत्रकारों के समूह का हिस्सा हैं जिनसे ब्लॉग साइट कश्मीरफाइट डॉट वर्डप्रेस डॉट कॉम के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में इस साल सितंबर में पूछताछ की गई थी. नौ सितंबर को पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में दर्ज मामले की जांच के दौरान विश्वसनीय सबूत मिले हैं कि चारों पत्रकारों का संबंध ब्लॉग के मास्टरमाइंड से है.
इसके उलट इस साल पांच फरवरी को राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो व्यक्तियों की मौत और एक के आत्महत्या करने की जानकारी दी है.
दुनियाभर के 15 से अधिक देशों के भारतीय प्रवासियों और 30 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह भारत में मानवाधिकारों पर बढ़ रहे हमलों की निंदा की. इन समूहों ने उन क़ानूनों को रद्द करने की वकालत की, जो मानवाधिकार रक्षा का अपराधीकरण कर रहे हैं और देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में डाल रहे हैं.
केंद्र ने साल 2015 में कश्मीरी पंडित प्रवासियों की घाटी में वापसी के लिए 6,000 ट्रांज़िट आवास के निर्माण की घोषणा की थी. हालांकि इनके निर्माण की गति काफी धीमी रही है. गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया कि 849 इकाइयों का निर्माण किया जा चुका है, जबकि 176 इकाइयों का निर्माण पूरा होने के क़रीब है.
विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने न्याय मिलने में देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसकी वजह से लोग क़ानून अपने हाथ में लेते हैं.