मौजूदा प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम की जगह लाया गया नया विधेयक बीते सप्ताह विपक्ष की अनुपस्थिति में राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हुआ है. एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि यह 'कोई प्रकाशन कैसे काम करता है, इसमें अधिक दख़ल देने और मनमानी जांच के लिए सरकार की शक्तियों को विस्तृत' करता है.
जिन पत्रकारों के पासपोर्ट निलंबित किए गए हैं, उनमें श्रीनगर के एक वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं जिन्होंने नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स के साथ संपादक स्तर पर भी काम किया है, जबकि दूसरे दिल्ली की एक पत्रिका में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनमें से कोई भी किसी आपराधिक मामले में आरोपी नहीं हैं.
देश के पत्रकारों पर किया गया लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे बताता है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक पत्रकार अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह छोड़कर कुछ और करने के बारे में सोच रहे हैं.
रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस द्वारा संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि वह अभी तक यह नहीं समझ पा रही है कि आईटी नियमों में इस संशोधन की क्या ज़रूरत थी.
केरल हाईकोर्ट ने एक मलयाली दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें पुलिस को उनका फोन सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों के उल्लंघन में पत्रकार का मोबाइल फोन पुलिस अधिकारियों द्वारा ज़ब्त नहीं किया जा सकता.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू करते हुए ये टिप्पणियां कीं. आईटी नियम सरकार को फैक्ट चेक इकाई के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इसके बारे में ‘फ़र्ज़ी समाचार’ की पहचान करने और उन्हें हटाने का आदेश देने का अधिकार देती हैं.
तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले की फ़र्ज़ी ख़बर को लेकर तमिलनाडु पुलिस ने दैनिक भास्कर के ख़िलाफ़ दो मामले दर्ज किए थे. इसे लेकर समूह के डिजिटल डिवीज़न के संपादक ने मद्रास हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत मांगी थी. कोर्ट ने इसे मंज़ूर करते हुए कहा कि बिना सत्यता की पुष्टि किए फर्ज़ी ख़बर छापना दुखद है.
कुछ साल पहले अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने के बाद से तेलंगाना की स्वतंत्र पत्रकार तुलसी चंदू को ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. अपने वीडियो को लेकर उन्हें ‘हिंदू विरोधी’, ‘अर्बन नक्सल’ और ‘कम्युनिस्ट’ के रूप में ब्रांड किया जाता है. अब उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिलने लगी है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर सबरीना सिद्दीक़ी ने उनसे भारत में मानवाधिकार के मुद्दों को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद हिंदुत्ववादी समूहों और भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा उन पर ऑनलाइन हमले शुरू हो गए थे. ह्वाइट हाउस कोरेस्पॉन्डेंट्स एसोसिएशन ने इसकी निंदा की है.
राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पूरे भारत में सात महिला पत्रकारों सहित कुल 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया, जिनमें सर्वाधिक कश्मीर के थे. कम से कम 103 पत्रकार सरकारों द्वारा निशाना बनाए गए, जबकि 91 राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत गैर-सरकारी तत्वों के निशाने पर रहे.
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद भाजपा और हिंदुत्व समर्थकों ने उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया था.
उत्तर प्रदेश की उन्नाव पुलिस ने बताया कि घटना बीते 24 जून की रात में हुई. पत्रकार को दाहिने कंधे में चोट आई थी. उन्हें कानपुर रिफर कर दिया गया था. पुलिस अधिकारियों ने इस बात पर संदेह जताया है कि पत्रकार को गोली मारी गई है. बीते मई महीने में पत्रकार के ख़िलाफ़ बलात्कार और धोखाधड़ी के केस दर्ज किए गए थे.
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए हुए हैं. इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने एक बयान जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आह्वान किया है कि उन्हें इस अवसर का उपयोग भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को मोदी के समक्ष उठाने के लिए करना चाहिए.