क्या सरदार पटेल का सपना वही था, जो भाजपा बता रही है?

'गांधी के रामराज्य के बारे में तुम क्या जानते हो? गांधी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? वैसे तुलसी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? सावरकर हो या गोलवलकर, उनके हिंदू राष्ट्र का हमारे रामराज्य से क्या लेना-देना?'

मणिपुर की भौगोलिक स्थिति बदलने वाले किसी भी समझौते का विरोध करेगी कांग्रेस: जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार से मांग की कि वह नगा समूहों से हो रही बातचीत के नियम और शर्तों को सार्वजनिक करे. इसके अलावा उन्होंने तीन राज्यों- मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम, जो नगा शांति वार्ता से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें इस बातचीत में शामिल करने की भी मांग की है.

कारगिल में जम्मू कश्मीर के विभाजन का विरोध क्यों?

वीडियो: जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर ​प्रावधानों को हटाने और राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन से द वायर के कबीर अग्रवाल की बातचीत.

जम्मू कश्मीर: 5 अगस्त के बाद से 450 लोगों की विदेश यात्रा पर लगी है अस्थायी रोक

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘नगा शांति वार्ता में सरकार की प्राथमिकता शांति होनी चाहिए’

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में भारत सरकार और नगा समूहों के बीच चल रही शांति वार्ता के बारे में द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

दिल्ली में ऑड-ईवन नियम लागू, सरकार ने लोगों से इसका पालन करने का अनुरोध किया

इस योजना को चार से 15 नवंबर तक के लिए लागू किया गया है, जो सोमवार से शनिवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार पहिया वाहनों पर लागू होगी.

20 महीने में बेचे गए 6128 करोड़ के चुनावी बॉन्ड, आधे से अधिक आम चुनाव से दो महीने पहले बिके

चुनावी और राजनीतिक सुधार के क्षेत्र में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के विश्लेषण के अनुसार मार्च 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कम से कम 12,313 चुनावी बॉन्ड बेचे.

कश्मीर के हालात अस्थिर, सुधारने की आवश्यकता: एंजेला मर्केल

तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आईं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रात्रि भोज के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाएंगी.

मध्य प्रदेश: बच्चों के पोषण के लिए अंडा खिलाने की नीति पर भाजपा राजनी​ति क्यों कर रही है?

मध्य प्रदेश सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए पोषण आहार कार्यक्रम में बच्चों को अंडे उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन भाजपा ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. भाजपा के एक नेता ने तो ये तक कह दिया कि इस परंपरा से बच्चों को एक दिन नरभक्षी बना दिया जाएगा.

क्या प्रधानमंत्री मोदी गांधी के विचारों की हत्या कर रहे हैं?

गांधी के विचार उनकी मृत्यु के बाद भी संघ की कट्टरता की विचारधारा के आड़े आते रहे, इसलिए अपने पहले कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी के सारे मूल्यों को ताक में रखकर उनके चश्मे को स्वच्छता अभियान का प्रतीक बनाकर उन्हें स्वच्छता तक सीमित करने का अभियान शुरू कर दिया था.

वरिष्ठ भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता का निधन

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता पिछले कुछ महीने से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे. कोलकाता स्थित अपने निवास पर सुबह छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में भाजपा को कड़ी मशक्कत से मिली जीत से क्या सबक मिलता है?

तमाम संसाधनों, समर्थक मीडिया और एकपक्षीय माहौल के बावजूद अगर महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में इस तरह के नतीजे आए हैं तो इससे एक बार फिर यह बात साबित हुई है कि चुनाव केवल मैनेजमेंट और पैसे के बल पर नहीं जीता जा सकता है.

मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं ने लंदन में किया राज्य के भारत से आज़ाद होने का दावा

लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले दो व्यक्तियों ने ब्रिटेन से 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की घोषणा की. लेशेम्बा सनाजाओबा ने स्वयं को इससे अलग करते हुए इस मामले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की है.

कश्मीर आंतरिक मसला है तो विदेशी सांसदों को बुलाने की तैयारी पिछले दरवाज़े से क्यों हुई?

भारत को एक इंटरनेशनल बिज़नेस ब्रोकर के ज़रिये विदेशी सांसदों के कश्मीर आने की भूमिका तैयार करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? जो सांसद बुलाए गए हैं वे धुर दक्षिणपंथी दलों के हैं. इनमें से कोई ऐसी पार्टी से नहीं है जिनकी सरकार हो या प्रमुख आवाज़ रखते हों. तो भारत ने कश्मीर पर एक कमज़ोर पक्ष को क्यों चुना? क्या प्रमुख दलों से मनमुताबिक साथ नहीं मिला?

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