जन गण मन की बात की 221वीं कड़ी में विनोद दुआ नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामी और 2.41 लाख करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डालने पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकार ने पेंशनधारियों की पहचान करने के लिए उनके अकाउंट को आधार से लिंक कराने का आदेश दिया था. तीन लाख लोगों ने इसका पालन नहीं किया, जिसके चलते पेंशन रोक दी गई है.
गोरखपुर के नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने आरोप लगाया कि जनपद से मुख्यमंत्री होने के नाते ज़िला प्रशासन योगी आदित्यनाथ के दबाव में है.
गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में कहा कि आतंकवादी संगठन कट्टरपंथ को फैलाने के लिए विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की भी शिकायत की है.
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मुंह की खाने के बाद भाजपा को लगने लगा है कि साल 2019 में उसकी चुनावी वैतरणी विकास से नहीं बल्कि दंगे और उससे होने वाले मतों के ध्रुवीकरण से पार लगेगी.
दलितों का ग़ुस्सा इस बिना पर है कि वे समझते हैं कि लंबे संघर्ष के बाद उन्हें जो संवैधानिक व क़ानूनी अधिकार मिले हैं, सत्तारूढ़ भाजपा व उसका मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें छीनना चाहते हैं.
जन गण मन की बात की 220वीं कड़ी में विनोद दुआ एससी-एसटी क़ानून में बदलाव के ख़िलाफ़ हुए भारत बंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चर्चा कर रहे हैं.
केंद्र के 13 मंत्री जिस वेबसाइट का लिंक ट्वीट करते हैं, आह्वान करते हैं कि फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं, उस वेबसाइट को कौन चलाता है, कहां से चलती है, इसका पता दो दिनों तक मीडिया में चर्चा होने के बाद भी नहीं चलता है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में आशंका जताई है कि दिल्ली में एफसीआई गोदामों से राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है.
संत समाज ने कहा था कि प्रदेश के 45 ज़िलों में नर्मदा किनारे लगाए गए 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी. संतों ने इस सरकारी दावे को महाघोटाला क़रार देकर नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने का ऐलान किया था.
साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की ख़ास बातचीत.
2010 तक पीयूष गोयल एक डिफॉल्टर कंपनी शिरडी इंडस्ट्रीज़ के निदेशक थे, जिसने सरकारी बैंकों से लिया क़र्ज़ चुकाया नहीं, उल्टे एक अन्य कंपनी के ज़रिये गोयल की पत्नी की फर्म को 1.59 करोड़ रुपये का अनसिक्योर्ड लोन दिया.
राजगुरु के परिजनों का कहना है कि वह समस्त देश के क्रांतिकारी थे और उनका नाम किसी ख़ास संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है फ़र्ज़ी ख़बरों से निपटने की ज़िम्मेदारी प्रेस काउंसिल और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की होनी चाहिए.