याचिका में आरोप लगाया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार राजनीतिक लाभ के लिए सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, इसलिए वे इस मामले में तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. 14 विपक्षी दलों की ओर दायर इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष केंद्र सरकार ने बताया है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग अधिनियम के तहत अब तक 616 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से अब तक केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है.
विशेष: भगत सिंह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत प्रगतिशील विचारों पर आधारित ऐसा देश बने, जिसमें सबके लिए समता व सामाजिक न्याय सुलभ हो. ऐसा तभी संभव है, जब उसके निवासी ऐसी वर्गचेतना से संपन्न हो जाएं, जो उन्हें आपस में ही लड़ने से रोके. तभी वे समझ सकेंगे कि उनके असली दुश्मन वे पूंजीपति हैं, जो उनके ख़िलाफ़ तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं.
विशेष: क्रांतिकारी सपने देखता है. वह उसे विचार व कर्म की आंच में पकाता है. वह शहीद होकर भी संघर्ष की पताका को गिरने नहीं देता. उसे अपने दूसरे साथी के हाथों में थमा देता है. शहीद भगत सिंह ने जिस आज़ाद भारत का सपना देखा था, पाश उसे अपनी कविता में विस्तार देते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रेस राज्य की अवधारणा में चौथा स्तंभ है. एक स्वस्थ लोकतंत्र को पत्रकारिता को एक ऐसी संस्था के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए, जो सत्ता से कठिन सवाल पूछ सके. जब प्रेस को ऐसा करने से रोका जाता है तो किसी भी लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है.
राज्यसभा में भाजपा सांसद हरिनाथ सिंह यादव ने पूछा था कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया या देश के किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में पाकिस्तानी लेखक की किताब पढ़ाई जा रही है और क्या इसके लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर विचार करना चाहिए.
पूर्व वित्त सचिव ईएएस सरमा ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे एक पत्र में कहा है कि विदेशी चंदे को लेकर मूल समस्या से निपटने के बजाय हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी का उत्पीड़न न्याय का उपहास करना है.
इसी मामले में जेल में बंद कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ भी आरोपी हैं. 2020 में दर्ज राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एफ़आईआर में कश्मीर स्थित कुछ एनजीओ पर भारत विरोधी गतिविधियों को प्रायोजित करने के आरोप लगाए गए हैं.
खालिस्तान समर्थक सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने बीते 18 मार्च को तलाशी अभियान शुरू किया था, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिल सकी है. बीते दिनों अमृतपाल सिंह के सहयोगियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ था. उस पर पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों स्थित कुछ आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध होने का भी आरोप है.
एक तिब्बती नागरिक ने केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन से कुछ जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें इस आधार पर सूचना देने से इनकार कर दिया गया कि वे एक तिब्बती नागरिक हैं और आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत जानकारी पाने के हक़दार नहीं हैं.
21 मार्च को पुरानी पेंशन योजना की बहाली के संयुक्त फोरम के बैनर तले नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन देश भर में ज़िला-स्तरीय रैलियां कर रहा है. इसे लेकर डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों को भेजे पत्र में कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके कर्मचारी किसी धरना, हड़ताल या विरोध प्रदर्शन का हिस्सा न बनें.
जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए ब्लैकलिस्टेड कंपनी ‘एप्टेक लिमिटेड’ को नियुक्त करने के प्रशासन के फैसले को लेकर उपराज्यपाल की आलोचना की जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार लोगों के मुद्दों को हल करने की कोशिश नहीं कर रही है. हम इस बात की जांच चाहते हैं कि एप्टेक को कौन लाया और धोखाधड़ी कहां हुई.
जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है. आरोपी ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें ज़ेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया था.
भारत के कुछ मीडिया संस्थानों ने बीते दिनों नोबेल पुरस्कार समिति के डिप्टी लीडर एसले टोजे के हवाले से ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के शीर्ष दावेदार हैं. हालांकि टोजे ने ऐसी कोई बात नहीं की थी, फिर भी मीडिया संस्थानों ने ग़लत तरीके से उन्हें कोट किया. बाद में ज़्यादातर ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया.
नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि आरएसएस समर्थित हिंदुस्तान समाचार को आकाशवाणी और दूरदर्शन को समाचारों की आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया गया है. यह क़दम सत्ता पक्ष के हिसाब से भारत में ख़बरों का भगवाकरण करेगा और स्वतंत्र पत्रकारिता को ख़त्म कर देगा.