पूरी दुनिया में खसरे की बीमारी से हर साल लगभग 90,000 बच्चों की जान चली जाती है, भारत नाइजीरिया के बाद दूसरे नंबर पर.
भाजपा-कांग्रेस की सियासी बयानबाज़ी के बीच हाल ही में राष्ट्रपति ने भी कहा, टीपू सुल्तान अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ जंग लड़ते हुए शहीद हुए थे.
वैश्विक फर्म मर्जरमार्केट ने कहा, भारत में विलय और अधिग्रहण सौदों में 63.4 प्रतिशत की गिरावट आई. एयरटेल के सुनील मित्तल बोले, देश में कारोबार आसान करना अब भी मुख्य चुनौती.
कैंपस की कहानियां: इस विशेष सीरीज़ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र अंकित पाठक अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.
आरटीआई आवेदक ने कहा उसके कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए. पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से होता है.
योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने कहा, नोटबंदी से ग़रीब प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने मोदी को माफ़ कर दिया क्योंकि वे मानते हैं कि यह क़दम अमीरों के ख़िलाफ़ था.
निर्देशक खुशबू रांका और विनय शुक्ला ने कहा, फिल्म ऐन इनसिग्निफिकेंट मैन भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से लेकर अरविंद केजरीवाल के एक राजनेता के तौर पर उभरने की कहानी है.
केंद्र सरकार के 1.35 लाख करोड़ मूल्य के सरकारी बॉन्डों के रूप में बैंकों को अतिरिक्त पूंजी देने के फैसले का मतलब है कि करदाताओं के पैसों से बैंकों और बकायेदार कॉरपोरेट समूहों को उबारा जा रहा है.
एके जोती एक अहम संवैधानिक पद पर नियुक्त होने के बाद भी गुजरात सरकार के बंगले में रहते रहे, जबकि यह पद राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करता है.
जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.
देश में जल्दी ख़राब होने वाले कुल कृषि उत्पादों के 11 प्रतिशत का ही भंडारण हो पाता है, 440 अरब रुपये की क़ीमत के उत्पाद होते हैं बर्बाद.
मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि ग़रीबों के लिए 50 लाख घर बना कर देंगे. क्या इस चुनाव में वे इस वादे की बात करेंगे?
झारखंड में आधार लिंक न होने के चलते राशन नहीं मिलने से अक्टूबर महीने में कथित तौर पर भूख से तीन मौतें हो चुकी हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी दावों के इतर झारखंड में ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि आधार और नेटवर्क जैसी तकनीकी दिक्कतों और प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में गरीब-मज़दूर भूख से जूझने को विवश हैं.
मराठवाड़ा के नांदेड ज़िले का एक अन्य किसान क़र्ज़ की वजह से परेशान था, वहीं ओडिशा में आत्महत्या करने वाले किसान की फसल ख़राब हो गई थी.