मीडिया बोल की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वर्ल्ड हंगर इंडैक्स में भारत की स्थिति और अयोध्या में राम की प्रतिमा के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
मेरे किसान भाइयों! तुम्हें तो अब ख़ुदकुशी भी करने की ज़रूरत नहीं है. सरकार आजकल तुम्हें ख़ुद गोली मार देती है. चलो इस बहाने ज़हर का ख़र्चा भी ख़त्म हुआ.
अगर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री बनाया जाता तो उनकी राजनीतिक कुशलता 2014 में नरेंद्र मोदी की आसान जीत के रास्ते में अवरोध बन कर खड़ी होती.
पार्टियां और सरकारें बदलती हैं तो सिर्फ़ नुक्कड़ और चौराहों पर लगे इश्तिहार ही नहीं बदलते बल्कि सारे के सारे शहर का पोशाक बदल जाता है.
निराश्रित विधवाओं द्वारा झेली जा रही मुश्किल स्थितियों से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह सवाल उठाया है.
बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी की यह दलील आधारहीन है कि घटना के बारे में पीड़िता की चुप्पी उसके सहमति से यौन संबंध बनाने का प्रमाण है.
खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने दावा किया कि यह पिछले 10 सालों की सबसे सुस्त दीपावली रही.
आरबीआई का यह बयान ऐसे समय आया है जब ख़बर थी कि बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.
आज अयोध्या सीता जैसी ही अकेली है. वह नहीं समझ पा रही कि इस उदासी का गिला किससे और कैसे करे? बुधवार की जगर-मगर देखने तो सैकड़ों न्यूज़ चैनल दौड़ पड़े थे, अब उसकी उदासी को खोज-ख़बर लेने वाला कोई नहीं है.
जन गण मन की बात की 139वीं कड़ी में विनोद दुआ भारत में स्वास्थ्य सेवा और जीएसटी पर प्रधानमंत्री के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
ज़िले के छमसिया गांव में ज़मीन की लड़ाई को लेकर महादलितों के पचास से ज़्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया गया. इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी की गई.
जन गण मन की बात की 138वीं कड़ी में विनोद दुआ आधार कार्ड की अनिवार्यता और भारत में भ्रूण परीक्षण पर चर्चा कर रहे हैं.
दुनिया ने रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ सहानुभूति में इतनी कंजूसी दिखाई है कि सहानुभूति की कोई भी अपील ईश्वर की आवाज़ की तरह सुनाई देती है.
कई बरस से लोग भूख से मर रहे हैं, लेकिन सत्ता हमेशा इस बात से इंकार करती है कि इस देश में किसी की मौत भूख के चलते भी होती है.
हम भी भारत की पांचवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि रह चुके विजय नांबियार और आॅब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के वरिष्ठ फेलो मनोज जोशी से चर्चा कर रही हैं.