विश्व बैंक और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों को तुरंत बच्चों को इस संकट से उबारने की योजना बनाने की ज़रूरत है ताकि असंख्य बच्चों और उनके परिवारों को घोर ग़रीबी में जाने से रोका जा सके.
बीते 14 अक्टूबर को भागलपुर के एक अस्पताल में बुरी तरह से जली अररिया ज़िले की 22 साल की काजल ने दम तोड़ दिया. उनके माता-पिता का कहना है कि पिछले महीने बेटी पैदा होने के बाद से ही काजल को प्रताड़ित किया जा रहा था और उनके पति और ससुराल वालों ने उसे ज़िंदा जला दिया.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इससे पहले अपने एक आदेश में राज्य में कोरोना वायरस के डर के चलते सभी दुर्गा पूजा पंडालों में आयोजकों या पूजा समिति के सदस्यों के अलावा सभी लोगों के ही प्रवेश को रोक दिया था.
गाज़ियाबाद के करहैड़ा गांव में बौद्ध धर्म अपनाने वाले एक शख़्स ने कहा कि उन्होंने पहले भी धर्म परिवर्तन पर विचार किया था लेकिन हाथरस की घटना ने उन्हें बुरी तरह हिला दिया. इन सभी 236 लोगों ने डॉ. बीआर आंबेडकर के परपौत्र राजरत्न आंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म अपनाया है.
जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में स्कूल से लौट रही एक नाबालिग छात्रा की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. पहले एसआईटी और फिर सीबीआई ने मामले को सुलझाने का दावा किया था. अब पीड़ित परिवार जांच में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए दोबारा जांच शुरू करने की मांग के साथ हाईकोर्ट पहुंचा है.
वीडियो: निर्भया कांड जैसे वीभत्स हादसे के बाद इसका दोहराव न होने की दुआ सभी ने की थी, लेकिन अब हाथरस कांड हमारे सामने है. क्या ये महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा का अंत है? इस बारे में दामिनी यादव के विचार.
जब भी स्त्री अधिकारों की बात होगी, तो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज रूथ बेदर गिंसबर्ग का नाम ज़रूर आएगा. रूथ ने न केवल अपने काम से लाखों औरतों को प्रेरित किया, बल्कि अपने फ़ैसलों के ज़रिये उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार भी खोले, जो लैंगिक भेदभाव के चलते बंद थे.
हाल ही में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत को 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर रखा गया है और देश भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम चंपारण ज़िले के लक्ष्मीपुर रमपुरवा गांव के सीमाई पांच टोले के पांच सौ से अधिक ग्रामीण गंडक नदी की बाढ़ और कटान से हुई व्यापक तबाही के बाद फिर से ज़िंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे हैं. अस्तित्व के संकट जूझ रहे इन टोलों में चुनावी कोलाहल की गूंज नहीं पहुंची है.
बहुत सारे अधिकार संविधान सभा की बहसों से निकले थे, जब भारतीय संविधान बना तो उसमें उन अधिकारों को लिख दिया गया और बहुत सारे अधिकार बाद में दलितों ने अपने संघर्षों-आंदोलनों से हासिल किए थे. हालांकि दलितों का बहुत सारा समय और संघर्ष इसी में चला गया कि राज्य ने उन अधिकारों को ठीक से लागू नहीं किया.
हमारे देश और राज्य को सुरक्षित रखने के नाम पर अगर स्टेन स्वामी को क़ैद में डाला जा सकता है तो क्या हम ख़ुद को आज़ाद कहलाने के क़ाबिल रह गए हैं?
मामला दक्षिण पूर्व दिल्ली का है, जहां एक कश्मीरी महिला ने आरोप लगाया है कि उनकी ग़ैर-मौजूदगी में मकान मालकिन ने घर में घुसकर फर्नीचर हटाया, पैसे और सामान चोरी किया. साथ ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी में उनके साथ अभद्रता की गई. मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया है.
भानु अथैया ने पांच दशक के अपने लंबे करिअर में 100 से अधिक फिल्मों के लिए बतौर कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर अपना योगदान दिया था. उन्हें गुलज़ार की फिल्म ‘लेकिन’ और आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘लगान’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका था.
तनिष्क़ के एकत्वम श्रेणी के ज्वेलरी के विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू के लिए पारंपरिक हिंदू गोदभराई की रस्म की तैयारियां कर रहा है. विज्ञापन आने के बाद ट्विटर पर कुछ लोग इसे लव जिहाद बताते हुए #BoycottTanishq ट्रेंड कराने लगे, जिसके बाद तनिष्क़ ने इस विज्ञापन का हटा लिया है.
जो लोग ये कहते हैं कि अगर निर्दोष होगा तो अपने आप बाहर आ जाएगा, उनको मैं कह दूं, क्यों न आपको साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए? क्यों न देश के हर नागरिक को 18 साल का होते ही साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए. हम सब निर्दोष हैं, बाहर आ ही जाएंगे