क्यों कुछ लोग मानते हैं कि अयोध्या में रहने वाले गुमनामी बाबा ही सुभाष चंद्र बोस थे

असाधारण जीवन की तरह असाधारण मृत्यु ने नेताजी के इर्द-गिर्द रहस्यों का जाल-सा बुन दिया है. दुखद यह है कि जांच आयोगों के भंवरजाल में नेताजी किसी जासूसी कथा के नायक बन गए हैं.

गोरखपुर में पिछले तीन दिन में इंसेफलाइटिस से 39 और बच्चों की मौत

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 67 बच्चों की मौत पर एक तरफ हंगामा जारी है, दूसरी ओर पिछले तीन दिनों में 39 और बच्चों की मौत हो चुकी है.

चंद्रकांत देवताले की कविताएं इंसानी तमीज़ की कविताएं हैं

भक्तिकालीन कवियों के बारे में कहा जाता है कि उनकी कविताएं कालजयी इसीलिए हो पाईं क्योंकि वे जीवन के प्राथमिक सच प्यार और मौत के बारे में बात करती हैं. यह आप देवताले की भी कविताओं में देख सकते हैं.

‘गोरक्षा के चक्कर में पशुधन ही किसानों का दुश्मन हो गया है’

अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.

आदिवासियों के लिए इस आज़ादी का क्या मतलब है?

आदिवासी तो दुनिया बनने से लेकर आज़ाद ही हैं. बस्तर के इन जंगलों में तो अंग्रेेज़ भी नहीं आए. इसलिए इन आदिवासियों ने अपनी ज़िंदगी में न ग़ुलामी देखी है, न ग़ुलामी के बारे में सुना है.

अगर इंसेफलाइटिस ख़त्म हो गया तो धर्म ख़तरे में पड़ जाएगा

मृत्यु तो संसार का एकमात्र शाश्वत सत्य है. योगी जी उत्तर प्रदेश को इसी सत्य का साक्षात्कार कराना चाहते हैं जो धर्म का मर्म है. लेकिन लोग उनके पीछे पड़ गए हैं.

अर्थी का अर्थ

यह अर्थी कितना कुछ मांगती है! चार मज़बूत कंधे और वह भी लगभग बराबर ऊंचाई के. इसकी आड़ लेकर लोगों को बेटा चाहिए. उसी के कंधे का आसरा खोजा जाता है.

क्या देश बनाने का काम स्थगित चल रहा है?

समाज में विचारों की, अाचारों की अौर समझ की नई खिड़कियां खोलते रहने की जरूरत पड़ती है. जो समाज ऐसा करना बंद कर देता है, जो अतीत के गुणगान में लग जाता है, वह अंतत: अपनी ही चोटी में उलझ कर, उसे काट डालता है. हम उसी दौर से गुजर रहे हैं.

निहलानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए गए, प्रसून जोशी बने नए अध्यक्ष

पहलाज निहलानी 2015 में हुई अपनी नियुक्ति के समय से ही विभिन्न विवादास्पद कदमों और बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहे हैं.

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