नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र कांतिपुर डेली ने सिलसिलेवार आलेखों के ज़रिये कहा था कि पाराजुली ने विभिन्न आधिकारिक दस्तावेज़ों पर जन्म की पांच अलग-अलग तारीख़ें दी हैं.
स्टीफेन हॉकिंग ने सापेक्षता (रिलेटिविटी), ब्लैक होल और बिग बैंग थियरी को समझने में अहम भूमिका निभाई थी.
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुंबई में एक समारोह में कहा कि लोकतंत्र की यह स्थिति न सिर्फ सरकारों और राजनीतिक नेताओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि कारोबारियों, मीडिया और आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है.
टी20 सीरीज़ के लिए श्रीलंका के दौरे पर है भारतीय क्रिकेट टीम.
फिलिस्तान पर मोदी सरकार के बदले रुख़ का अर्थ यह है कि इज़रायल के फिलिस्तीनी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े को लेकर भारत का रवैया नरम हो गया है.
नेपाल में हुए ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी हार के करीब दो महीने बाद शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया.
उप राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा अंतरिम राष्ट्रपति तब तक के लिए बनेंगे जब तक नए राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया संसदीय तरीके से पूरी नहीं हो जाती है.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू जिस परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, टाटा पर भी उसमें शामिल होने का ख़बरें आ रही हैं. टाटा के कार्यालय ने आरोपों को ग़लत बताया.
जनवरी 1952 में लाहौर में जन्मीं अस्मां ने ‘पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग’ की स्थापना की और उसकी अध्यक्षता भी संभाली. वे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं.
जन गण मन की बात की 195वीं कड़ी में विनोद दुआ मालदीव में आपातकाल और प्रेस की स्वतंत्रता पर चर्चा कर रहे हैं.
2.5 लाख डॉलर के गबन के मामले में ढाका की विशेष अदालत ने सुनाई सज़ा. ज़िया के भगोड़े बेटे तारिक़ रहमान को 10 साल की सज़ा.
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग की. भारत और चीन ने अपने नागरिकों से मालदीव की यात्रा टालने को कहा है. अमेरिका ने राष्ट्रपति से क़ानून का सम्मान करने की अपील की.
अध्ययन के अनुसार, जब हमें नल का अच्छी गुणवत्ता का पानी उपलब्ध है तब भी हम बोतलबंद पानी की तरफ़ आकर्षित होते हैं तो सिर्फ़ इसलिए कि विज्ञापन के ज़रिये यह स्थापित कर दिया गया है कि बोतलबंद पानी ही शुद्ध है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता ने कहा कि इस धरती पर कोई भी देश महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा, लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा के अभिशाप से अछूता नहीं.
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगी ली ने कहा कि जब तक कोई भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण सबूतों को परख नहीं लेता, तब तक हम निश्चित तौर पर नरसंहार की घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन हमें संकेत नज़र आ रहा है.