वैश्विक फर्म मर्जरमार्केट ने कहा, भारत में विलय और अधिग्रहण सौदों में 63.4 प्रतिशत की गिरावट आई. एयरटेल के सुनील मित्तल बोले, देश में कारोबार आसान करना अब भी मुख्य चुनौती.
कैंपस की कहानियां: इस विशेष सीरीज़ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र अंकित पाठक अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.
योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने कहा, नोटबंदी से ग़रीब प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने मोदी को माफ़ कर दिया क्योंकि वे मानते हैं कि यह क़दम अमीरों के ख़िलाफ़ था.
राज्य सरकार ने दिए जांच के आदेश. अहमदाबाद सिविल अस्पताल में बीते तीन दिन में 18 शिशुओं की मौत हुई है. प्रतिदिन पांच से छह नवजातों की मौत का है औसत.
गुजरात चुनाव राउंडअप: अहमद पटेल के संदिग्ध आतंकी से संबंधों को लेकर भाजपा ने हमले तेज़ किए, कांग्रेस ने कहा- हार देख भाजपा अपना रही ओछे हथकंडे.
यूपी में 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों के लिए नवंबर में तीन चरणों में होंगे चुनाव. अपने चुनाव चिह्न पर उतरेंगे सभी प्रमुख दल.
नीति आयोग से जुड़ी संस्था का कहना है, 'रोज़गार की समस्या बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग और उपयुक्त कौशल की कमी की वजह से है.'
ज़िला प्रशासन ने क़र्ज़ के कारण आत्महत्या से इंकार किया. नासिक में संदिग्ध कीटनाशक से महिला किसान की मौत.
केंद्र सरकार के 1.35 लाख करोड़ मूल्य के सरकारी बॉन्डों के रूप में बैंकों को अतिरिक्त पूंजी देने के फैसले का मतलब है कि करदाताओं के पैसों से बैंकों और बकायेदार कॉरपोरेट समूहों को उबारा जा रहा है.
एके जोती एक अहम संवैधानिक पद पर नियुक्त होने के बाद भी गुजरात सरकार के बंगले में रहते रहे, जबकि यह पद राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करता है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा बोली पटेल, राहुल और सोनिया स्पष्टीकरण दें. कांग्रेस ने कहा, भाजपा गुजरात में आसन्न हार को देखते हुए बेबुनियाद आरोप लगा रही है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हिंदुस्तान दूसरे लोगों का देश नहीं है.
सीडी मामले को मंत्री ने बताया चरित्रहनन का प्रयास, एफआईआर में नहीं है विनोद वर्मा का नाम, अदालत में नहीं पेश हुई कोई सीडी, पत्रकारों ने पुलिस के दावों पर उठाए सवाल.
लगता है कि घोषणा रस में विह्वल प्रधानमंत्री जी भूल गए कि वे दिल्ली में एक संवैधानिक सरकार चलाते हैं कोई दरबार-ए-ख़ास नहीं कि जिसे जी चाहा अशर्फ़ियों से लाद दिया और जिसे जी चाहा कालकोठरी में डाल दिया.
जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.