स्वाइन फ्लू से गुजरात में शुक्रवार को ही 10 लोगों की मौत हुई, दिल्ली में अब तक 15 और यूपी में 35 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोर्ट ने कहा, 'ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, सही तथ्य सामने आने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. कोर्ट के आदेश से पहले मौत के कारणों पर सरकार का जवाब आना ज़रूरी है.'
सागर ज़िले के रेंवझा गांव में मज़दूरी करने से मना करने पर महिला के पति को बुरी तरह से पीटा.
असाधारण जीवन की तरह असाधारण मृत्यु ने नेताजी के इर्द-गिर्द रहस्यों का जाल-सा बुन दिया है. दुखद यह है कि जांच आयोगों के भंवरजाल में नेताजी किसी जासूसी कथा के नायक बन गए हैं.
पार्टियों को चार साल में कॉरपोरेट से 957 करोड़ रुपये का चंदा, इसमें से सबसे ज़्यादा 705.81 करोड़ भाजपा को मिला है.
एक जीवंत लोकतंत्र में 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत किसी राजनेता का करिअर ख़त्म कर सकता था, लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
जन गण मन की बात की 102वीं कड़ी में विनोद दुआ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के भाषण और नोटबंदी के संबंध में प्रधानमंत्री के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
बरेली के मंडलायुक्त ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे तुरंत उन मदरसों की सूची सौंपे जहां राष्ट्रगान नहीं गाया गया.
फर्ज़ी मुठभेड़ के आरोप में कई साल न्यायिक हिरासत में रह चुके एनके अमीन और तरुण बारोट को रिटायर होने के बाद गुजरात सरकार ने पुलिस अधीक्षक पद पर नियुक्त किया था.
शरद यादव के नेतृत्व में 'साझी विरासत बचाओ सम्मलेन' में विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, संविधान ख़तरे में, देश में अघोषित आपातकाल.
14 ज़िलों के 73.44 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, क़रीब तीन लाख लोगों को प्रभावित इलाक़ों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवड़ यात्रा में डमरू और माइक नहीं बजेगा, लोग नाचेंगे-गाएंगे नहीं तो यात्रा कांवड़ यात्रा कैसे होगी? शव यात्रा हो जाएगी.
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण में नोटबंदी संबंधी आंकड़ों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिज़र्व बैंक.
धृतराष्ट्र आलिंगन लोकबुद्धि के सबसे दिलचस्प शब्दों में से एक है. शक्तिशाली जब सम्मुख हो तो उसके प्रत्येक प्रस्ताव की ठीक से जांच किए बिना उसे ग्रहण करना ख़ुद को जोख़िम में डालना है.