शरद के सम्मेलन में बोले राहुल- आरएसएस को जब तक सत्ता नहीं मिली तब तक तिरंगा नहीं फ़हराया

शरद यादव के नेतृत्व में 'साझी विरासत बचाओ सम्मलेन' में विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, संविधान ख़तरे में, देश में अघोषित आपातकाल.

अगर सड़क पर नमाज़ नहीं रोक सकता तो थानों में जन्माष्टमी रोकने का अधिकार नहीं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवड़ यात्रा में डमरू और माइक नहीं बजेगा, लोग नाचेंगे-गाएंगे नहीं तो यात्रा कांवड़ यात्रा कैसे होगी? शव यात्रा हो जाएगी.

‘रिज़र्व बैंक अभी गिनती कर रहा है तो प्रधानमंत्री का आंकड़ा कहां से आया’

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण में नोटबंदी संबंधी आंकड़ों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिज़र्व बैंक.

मालूम नहीं क्यों अगस्त के ढलते पखवाड़े में धृतराष्ट्र आलिंगन की याद आ गई

धृतराष्ट्र आलिंगन लोकबुद्धि के सबसे दिलचस्प शब्दों में से एक है. शक्तिशाली जब सम्मुख हो तो उसके प्रत्येक प्रस्ताव की ठीक से जांच किए बिना उसे ग्रहण करना ख़ुद को जोख़िम में डालना है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 101: प्रधानमंत्री का भाषण और द वायर उर्दू

जन गण मन की बात की 101वीं कड़ी में विनोद दुआ स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण और द वायर उर्दू की शुरुआत पर चर्चा कर रहे हैं.

गोरखपुर में पिछले तीन दिन में इंसेफलाइटिस से 39 और बच्चों की मौत

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 67 बच्चों की मौत पर एक तरफ हंगामा जारी है, दूसरी ओर पिछले तीन दिनों में 39 और बच्चों की मौत हो चुकी है.

रोहित वेमुला दलित नहीं थे और निजी कारणों से आत्महत्या की: रिपोर्ट

जस्टिस रूपनवाल के नेतृत्व में बनी समिति ने अपनी​ रिपोर्ट में कहा कि पूर्व एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी और श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई को प्रभावित नहीं किया.

‘जो लोग आज़ादी की लड़ाई में साथ नहीं थे उनके अनुयायी आज देश की एकता पर हमला कर रहे हैं’

आकाशवाणी और दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण प्रसारित नहीं किया.

चंद्रकांत देवताले की कविताएं इंसानी तमीज़ की कविताएं हैं

भक्तिकालीन कवियों के बारे में कहा जाता है कि उनकी कविताएं कालजयी इसीलिए हो पाईं क्योंकि वे जीवन के प्राथमिक सच प्यार और मौत के बारे में बात करती हैं. यह आप देवताले की भी कविताओं में देख सकते हैं.

प्रधानमंत्री से कौन पूछेगा कि पनामा पेपर मामले में क्या प्रगति हुई है?

अगर दो लाख शेल कंपनियां बंद हुई हैं, जो ब्लैक मनी को व्हाइट कर रही थीं तो क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि कितने लाख लोगों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हुए है?

‘गोरक्षा के चक्कर में पशुधन ही किसानों का दुश्मन हो गया है’

अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.

आदिवासियों के लिए इस आज़ादी का क्या मतलब है?

आदिवासी तो दुनिया बनने से लेकर आज़ाद ही हैं. बस्तर के इन जंगलों में तो अंग्रेेज़ भी नहीं आए. इसलिए इन आदिवासियों ने अपनी ज़िंदगी में न ग़ुलामी देखी है, न ग़ुलामी के बारे में सुना है.

मीडिया बोल, एपिसोड 10: गोरखपुर में बच्चों की मौत और लोक स्वास्थ्य का सवाल

मीडिया बोल की 10वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, टीवी पत्रकार अरफ़ा ख़ानम शेरवानी और द वायर हिंदी के कृष्णकांत के साथ गोरखपुर में बच्चों की मौत के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.