ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के जिस ट्ववीट को 'धार्मिक भावनाओं को भड़काने' वाला बताने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है, वह साल 1983 में आई मशहूर निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म 'किसी से न कहना' का एक दृश्य है, जिसमें 'हनीमून होटल' की मात्राओं में फेरबदल करते हुए इसे 'हनुमान होटल' लिखा गया था.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने उनकी फ़ौरन रिहाई की मांग की है. वहीं, ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने पत्रकारों के ख़िलाफ़ क़ानून के इस तरह इस्तेमाल को अनुचित बताते हुए पुलिस से मामला वापस लेने का आग्रह किया है.
ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.
पत्रकार राना अयूब के जिस ट्वीट पर रोक लगाई गई है, वह 9 अप्रैल, 2021 को पोस्ट किया गया था, जिसमें उन्होंने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में इस फैसले को ‘एक और मस्जिद के विध्वंस के लिए मंच’ के रूप में वर्णित किया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक मीडिया संस्थान के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि के मुक़दमे की सुनवाई में कहा कि एफआईआर पर आधारित ख़बर पर मानहानि की शिकायत दर्ज कराना रिपोर्टर को चुप कराने और आरोपियों के ख़िलाफ़ छपी ख़बर को जबरन वापस लेने का प्रयास करवाने के अलावा और कुछ नहीं है.
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिए गए चार आदेशों में ज़ी न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान, इंडिया टीवी, आज तक और न्यूज़18 के दिल्ली दंगों, किसान आंदोलन, मुस्लिम आबादी और 'थूक जिहाद' संबंधी प्रसारणों को ग़लत बताते हुए इनके वीडियो हटाने का निर्देश दिया है.
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष का पद पिछले साल नवंबर से ख़ाली पड़ा है, जब जस्टिस (सेवानिवृत्त) चंद्रमौली कुमार प्रसाद का कार्यकाल पूरा हो गया था. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस देसाई ने जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की हाल में अध्यक्षता की है.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ 'टाइम्स नाउ' के प्राइम टाइम शो के दौरान टिप्पणी की थी, जिसे नविका कुमार होस्ट कर रही थीं. महाराष्ट्र के परभणी में दर्ज एफआईआर में नविका पर दुर्भावना से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
ट्विटर पर तीन हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को कथित नफ़रत फैलाने वाला कहने पर ‘आल्ट न्यूज़’ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक जून को मामला दर्ज किया गया था. केस रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में प्रतीत होता है कि ज़ुबैर ने अपराध किया है और मामले की जांच करने की ज़रूरत है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस्लामी स्कॉलर्स और बुद्धिजीवियों से अपील करते हुए कहा कि ऐसी बहसों का हिस्सा न बनें जिनका उद्देश्य इस्लाम और मुसलमानों का मज़ाक उड़ाना है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की बहसों में भाग लेकर मुसलमान ख़ुद ही ख़ुद को ज़लील कराने का कारण बनते हैं.
द कारवां पत्रिका से जुड़े मल्टीमीडिया पत्रकार शाहिद तांत्रे ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि कश्मीर के घटनाक्रम पर लिखने के कारण जम्मू कश्मीर पुलिस उन्हें और उनके परिवार को धमका रही है. प्रेस क्लब ने केंद्र और सूबे के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और पत्रकारों को निशाना बनाकर प्रताड़ित करने से रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
भाजपा की अपदस्थ प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक टीवी चैनल की बहस में पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान को लेकर कानपुर में हुई हिंसा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई आलोचना को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने प्रसारकों से कड़ी सतर्कता बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि वे ठहरकर सोचें कि कैसे जानबूझकर विभाजनकारी हालात तैयार किए जा रहे हैं.
मीडिया आउटलेट 'मिल्लत टाइम्स' के संपादक शम्स तबरेज़ क़ासमी ने उन पर लगे आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा है कि यूपी पुलिस की उन्हें चुप कराने की यह कोशिश काम नहीं आएगी. वे सत्ता से सवाल पूछने के लिए पत्रकारिता करते रहेंगे.
ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम ने जर्नलिज़्म अवार्ड्स-2022 के लिए सांप्रदायिकता और देश में बढ़ रही नफ़रत को द वायर पर अपनी रिपोर्ट्स में दर्ज करने के लिए पत्रकारों- अलीशान जाफरी, इस्मत आरा, नाओमी बार्टन, कौशिक राज और शेहलात मकनून वानी को विभिन्न श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट किया है.
पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई ने गवाह बादामी देवी को मृत घोषित कर अदालत में रिपोर्ट भी पेश की. गवाह के जीवित पाए जाने के बाद अदालत ने सीबीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. साल 2016 में बिहार के सीवान ज़िले में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीवान से चार बार सांसद रहे दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन इस हत्या के आरोपियों में से एक थे.