एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ‘बेलगाम' सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के नाम पर सरकार मीडिया को मिली संवैधानिक सुरक्षा को छीन नहीं सकती है. गिल्ड ने इस बात को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है कि इन नियमों के तहत सरकार को असीमित शक्तियां दे दी गई हैं.
जीओएम रिपोर्ट के अनुसार सरकार समर्थक टिप्पणीकार कंचन गुप्ता ने जून 2020 में मंत्रियों को 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को दिए डोनेशन' को लेकर ख़बर फैलाने का सुझाव दिया था. कई मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित ख़बरें दिखाती हैं कि भाजपा ने इस सुझाव को गंभीरता से लिया.
एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आए नौ मंत्रियों के समूह द्वारा तैयार 97 पन्नों के दस्तावेज़ का मक़सद मीडिया में मोदी सरकार की छवि को चमकाना और स्वतंत्र मीडिया को चुप कराना है. बताया गया है कि यह रिपोर्ट सरकार समर्थक कई संपादकों और मीडियाकर्मियों के सुझावों पर आधारित है.
अनुचित तरीके से बनाए गए नए सोशल मीडिया नियम समाचार वेबसाइट्स को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ खड़ा करते हैं. इन्हें वापस लिया ही जाना चाहिए.
एक महीने से भी कम समय में यह तीसरी बार है, जब मणिपुर में समाचार पत्रों का प्रकाशन और ख़बरों का प्रसारण नहीं हुआ. छह दिन पहले भी इसी तरह का विरोध जताया गया था, जब इम्फाल से प्रकाशित होने वाले एक स्थानीय अख़बार को आतंकी समूह ने धमकी दी थी.
वीडियो: मीडिया में सरकार की छवि को चमकाने और स्वतंत्र पत्रकारिता का दमन करने के लिए मोदी सरकार के मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट का खुलासा हुआ है. इस मुद्दे पर द कारवां के पोलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कारवां पत्रिका ने नौ मंत्रियों के एक समूह की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 2020 के मध्य में इन सभी ने स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को प्रभावहीन बनाने के लिए ख़ाका तैयार किया था. इसमें ऐसे लोगों को ख़ामोश करने की योजना बनाई गई थी, जो सरकार के ख़िलाफ़ ख़बरें लिख रहे हैं या उसका एजेंडा नहीं मान रहे हैं.
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों के तहत सबसे पहली नोटिस मणिपुर के न्यूज पोर्टल द फ्रंटियर मणिपुर को उसके एक कार्यक्रम को लेकर जारी किया गया है. पोर्टल को सभी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रति मुहैया कराने को कहा गया था, जो इन नियमों के पालन को सुनिश्चित करते हों.
बिजनेस स्टैंडर्ड में पत्रकार मिताली सरन द्वारा मार्च 2016 में लिखे गए एक लेख के आधार पर आपराधिक अवमानना की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता वकील लोहिताक्ष शुक्ला का कहना था कि लेख में संघ और इसके सदस्यों के ख़िलाफ़ अपमानजनक बातें लिखी गई थीं और यह तथ्यों पर आधारित नहीं थी.
2013 से 2019 तक ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के सीईओ रहे पार्थो दासगुप्ता को बीते साल दिसंबर में गिरफ़्तार किया गया था. दासगुप्ता पर पद का दुरुपयोग करने और रिपब्लिक टीवी चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर मीडिया एवं इसके प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी से साठगांठ कर टीआरपी में छेड़छाड़ करने का आरोप है.
ऐसा माना जा रहा है कि संसद टीवी में दो चैनल होंगे, जिनमें से प्रत्येक पर लोकसभा और दूसरे पर राज्यसभा सत्र का लाइव प्रसारण किया जाएगा. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर को तत्काल प्रभाव से चैनल का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया के नियमन के लिए दिए गए नए दिशानिर्देशों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व रचनात्कता के लिए ‘बेहद ख़तरनाक’ हैं, वहीं कई विशेषज्ञों ने इसके दुरूपयोग को लेकर भी आशंकाएं ज़ाहिर की हैं.
वीडियो: सरकार ने सोशल मीडिया, डिजिटल न्यूज़ प्लेटफार्म और ओटीटी के लिए जिस तरह के दिशानिर्देश जारी किए हैं, उससे देश में स्वतंत्र सूचना प्रवाह और लेखन पर अंकुश-सा लग जाएगा. मीडिया बोल में इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेण, सत्य हिंदी के संपादक आशुतोष और द हिंदू की एसोसिएट एडिटर अनुराधा प्रधान से उर्मिलेश की बातचीत.
दिल्ली की एक 22 वर्षीय महिला ने ईटी नाउ के एंकर और विश्लेषक वरुण हिरेमथ के ख़िलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस का कहना है कि जबसे जांच शुरू हुई है, उसके बाद से वरुण का फोन बंद आ रहा है और वे छिप गए हैं.
मणिपुर के एक स्थानीय अखबार पोकनाफाम को बंद किए जाने की धमकी मिलने के बाद विरोध के तौर पर यहां के मीडिया संस्थानों ने शुक्रवार से 48 घंटे तक काम न करने का निर्णय लिया है. बीते 13 फरवरी को इसी अख़बार के दफ़्तर पर अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका था.