डिजिटल मीडिया आज़ाद आवाज़ों की जगह है और इस पर ‘सबसे बड़े जेलर’ की निगाहें हैं. अगर यही अच्छा है तो इस बजट में प्रधानमंत्री जेल बंदी योजना लॉन्च हो, मनरेगा से गांव-गांव जेल बने और बोलने वालों को जेल में डाल दिया जाए. मुनादी की जाए कि जेल बंदी योजना लॉन्च हो गई है, कृपया ख़ामोश रहें.
द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली के आईटीओ पर एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर उनके परिवार के दावों से संबंधित ख़बर ट्विटर पर साझा की थी.
स्वतंत्र पत्रकार और कारवां पत्रिका के लिए लिखने वाले मनदीप पुनिया और एक अन्य पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को शनिवार को हिरासत में लिया गया था. धर्मेंद्र सिंह को रविवार तड़के रिहा कर दिया गया. वहीं बताया जा रहा है कि पुनिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में असत्यापित ख़बरें शेयर करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय समेत छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ विभिन्न राज्यों में राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में मामला दर्ज कराया गया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वूमंस प्रेस कोर जैसे मीडिया संगठनों ने असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किए जाने की कार्रवाई को मीडिया को डराने-धमकाने की कोशिश बताया है.
रिपब्लिक टीवी चलाने वाली एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टीआरपी घोटाला मामले में उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही बाॅम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष मुंबई पुलिस ने याचिकाकर्ता के कर्मचारियों को ग़लत तरीके से फ़ंसाने के आरोपों से इनकार किया था.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल को 2002 में कराची से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हत्या के मुख्य आरोपी ब्रिटिश मूल के अल-कायदा आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख़ को रिहा करने का आदेश दिया है. इस फै़सले पर अमेरिका और भारत समेत संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है.
इंडिया टुडे समाचार चैनल के वरिष्ठ एंकर और सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई के एक महीने का वेतन भी काट दिया गया है. उन्होंने 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत पर ट्वीट कर कहा था कि उनकी मौत पुलिस फायरिंग में हुई है. हालांकि पुलिस द्वारा घटना से संबंधित वीडियो जारी करने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. इन्हीं लोगों के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने भी केस दर्ज किया है.
उच्चतम न्यायालय ने उन टीवी कार्यक्रमों पर लगाम लगाने में असफल रहने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई हैए जिनके असर भड़काने वाले होते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसी ख़बरों पर नियंत्रण उसी प्रकार से ज़रूरी हैं, जैसे क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए ऐहतियाती उपाय.
टीआरपी व्यवस्था को विश्वसनीय बनाने का काम अब बार्क के आसरे नहीं हो सकता. माना जा रहा है कि रिपब्लिक मामले के बाद बार्क एक निष्पक्ष भूमिका निभाने की स्थिति में है, लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि एनबीए के कुछ अन्य सदस्य जैसे इंडिया टुडे टीवी भी इस तंत्र के बेजा इस्तेमाल को लेकर जांच के दायरे में हैं.
रिपब्लिक टीवी की ओर से दिल्ली की एक अदालत में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दायर करते हुए कहा गया है कि वे अर्णब गोस्वामी से जलती हैं क्योंकि अर्णब ने टाइम्स नाउ से अलग होकर अपना चैनल शुरू किया और यह एक साल में ही अग्रणी चैनल बन गया.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिशन की ओर से कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली को कवर करने वाले मीडियाकर्मी सूचना एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए प्रसारित करने के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे. उनके ख़िलाफ़ बल और हिंसा का कोई भी उपयोग लोकतंत्र की आवाज़ और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के सरकारी स्कूल का मामला. भ्रामक ख़बर चलाने के आरोप में पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है. कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफ़देह है कि कुछ पत्रकार जो उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी ग़लत ख़बर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’