मीडिया बोल: बजट में किसानों और नौजवानों को क्या मिला?

मीडिया बोल की इस कड़ी में बजट पर वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी, बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की राजनीतिक संपादक अदिति फड़नीस और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.

मीडिया बोल: अरबों के सरकारी विज्ञापन में फंसी मीडिया की जान

मीडिया बोल की इस कड़ी में कुछ मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न देने के मोदी सरकार के फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन नाग, सत्य हिंदी वेबसाइट के संपादक आशुतोष और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी और फ़ैयाज़ अहमद वजीह को मिला रेड इंक अवॉर्ड

उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिया जाने वाला यह पुरस्कार राजनीति श्रेणी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को श्री श्री रविशंकर के साक्षात्कार और फ़ैयाज़ अहमद वजीह को कला श्रेणी में एक पब्लिशिंग हाउस के बारे में की गई वीडियो रिपोर्ट के लिए मिला है.

मोदी सरकार ने तीन अख़बारों को सरकारी विज्ञापन देना बंद किया

सामूहिक रूप से 2.6 करोड़ मासिक पाठक वर्ग वाले तीनों बड़े अख़बार समूहों का कहना है कि मोदी के पिछले महीने लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से चुनकर सत्ता में आने से पहले ही उनके करोड़ों रुपये के विज्ञापनों को बंद कर दिया गया.

पुस्तक समीक्षा: पत्रकार करण थापर के साक्षात्कारों के पीछे की कहानियां

नेताओं के स्तुतिगान करने के इस दौर में आमने-सामने बैठकर आंखों में आंखें डालकर कड़े और कठिन सवालों के लिए जाने जाने वाले करण थापर की किताब ‘मेरी अनसुनी कहानी’ को पढ़ना सुकून देता है, क्योंकि असहमति और सवाल पूछना ही लोकतंत्र की ताक़त है.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में गिरफ़्तार उर्दू अख़बार के संपादक को ज़मानत मिली

जम्मू कश्मीर पुलिस ने उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात गिरफ़्तार किया था. मंगलवार को उन्हें ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि अगर क़ादरी 'घोषित अपराधी' थे तो दो बार उनका पासपोर्ट वेरीफिकेशन कैसे हुआ.

मीडिया बोल: मुज़फ़्फ़रपुर की मौतें, सत्ता की बेफ़िक्री और मीडिया का मिजाज़

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौतों पर सरकार की बेफ़िक्री और मेनस्ट्रीम मीडिया की स्तरहीन पत्रकारिता पर जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. विकास बाजपेयी और वरिष्ठ पत्रकार बिराज स्वैन से चर्चा कर रहें हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में उर्दू अख़बार के संपादक गिरफ़्तार

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि 1992 में हुए एक मामले के संबंध में टाडा कोर्ट के समन पर ऐसा किया गया, वहीं क़ादरी के परिजनों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना है.

आपातकाल: नसबंदी से मौत की ख़बरें न छापी जाएं

आपातकाल के 44 साल बाद इन सेंसर-आदेशों को पढ़ने पर उस डरावने माहौल का अंदाज़ा लगता है जिसमें पत्रकारों को काम करना पड़ा था, अख़बारों पर कैसा अंकुश था और कैसी-कैसी ख़बरें रोकी जाती थीं.

एनडीटीवी प्रमोटर्स को पूंजी बाज़ार से प्रतिबंधित करने के सेबी के आदेश पर लगी रोक

बीते 14 जून को सेबी ने आदेश पारित करते हुए एनडीटीवी के तीन प्रवर्तकों को दो साल के लिए पूंजी बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया था. साथ ही इस अवधि के दौरान प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर कंपनी के बोर्ड में या शीर्ष प्रबंधन स्तर पर बने रहने पर भी रोक लगाई गई थी. प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने सेबी के इस आदेश पर रोक लगा दी.

सेना-आईएसआई के आलोचक पाकिस्तानी ब्लॉगर और पत्रकार की हत्या

पाकिस्तान के 22 वर्षीय मोहम्मद बिलाल ख़ान के पिता ने कहा कि उनके शरीर पर किसी धारदार हथियार के निशान थे. इस संबंध में आतंकवाद रोधी कानून समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मीडिया बोल: डॉक्टर-हड़ताल और अदावत का क्रिकेटी जलसा

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश देश भर में हुई डॉक्टरों की हड़ताल पर वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिड़ी, वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमशंकर से चर्चा कर रहे हैं.

शुजात बुख़ारी की हत्या के एक साल बाद दर्द और सवाल दोनों ज़िंदा हैं

जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से गठबंधन तोड़ते समय राज्यपाल शासन लगाने के कारणों में शुजात बुख़ारी की हत्या का ज़िक्र भी किया था. लेकिन, एक साल बाद भी बुख़ारी की हत्या का रहस्य बना हुआ है.

सेबी ने प्रणय और राधिका रॉय को एनडीटीवी में शीर्ष प्रबंधकीय पदों पर बने रहने पर लगाई पाबंदी

एनडीटीवी के एक शेयर होल्डर क्वांटम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से साल 2017 में की गई शिकायत के बाद सेबी ने यह रोक लगाई है. इसके साथ ही एनडीटीवी प्रमोटर्स प्रणय रॉय और राधिका रॉय को पूंजी बाजार में दो साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. दोनों ने सेबी के आदेश को कानून और तय प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है.

‘अभिव्यक्ति की आज़ादी संविधान ने दी है, किसी राजनीतिक दल ने नहीं’

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण गिरफ़्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

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