इस फ़ैसले के साथ ही कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है. पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नीसिथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद हैं. इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वह इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे पहले नीसिथ प्रमाणिक की शिक्षा पर पर सवाल उठे थे. प्रमाणिक द्वारा शिक्षा से संबंधित अपने चुनावी हलफ़नामे और संसद को दी गई जानकारी में अंतर सामने आया था.
यूपी बोर्ड ने नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन की कृतियों को कक्षा दसवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रमों से हटा दिया है. टैगोर की लघु कहानी ‘द होम कमिंग’ और राधाकृष्णन का निबंध ‘द वीमेन एजुकेशन’ को पहले भी कक्षा बारहवीं के पाठ्यक्रम से हटाया गया था.
वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 15 जुलाई को वाराणसी में महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्य के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश ने कोविड-19 की दूसरी लहर को संभाला और संक्रमण के प्रसार की जांच की, वह अभूतपूर्व था. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी से चर्चा की.
विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित जनसंख्या क़ानून को ज़रूरी बताते हुए कहा कि बढ़ती आबादी प्रदेश के विकास में बाधा बनी हुई है. पर क्या यह बाधा अचानक आ खड़ी हुई? अगर नहीं, तो इसे लेकर तब उपयुक्त कदम क्यों नहीं उठाए गए, जब उनकी सरकार के पास उसे आगे बढ़ाने का समय था?
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी का जवाब देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में उथल-पुथल से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश पाकिस्तान है. उन्होंने कहा कि वह ग़नी की टिप्पणियों से मायूस हैं और तालिबान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए पाकिस्तान ने जितनी कोशिशें की हैं, उतनी किसी भी मुल्क ने नहीं की हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, बीते 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और पिछले साल उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के वकीलों की नियुक्ति करने संबंधी उपराज्यपाल अनिल बैजल की सिफ़ारिश को मंत्रिमंडल ने ख़ारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस क़दम से केंद्र और उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार का टकराव बढ़ सकता है.
पिछले साल भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अपना घर बचाना था, वह डर गए और आरएसएस के साथ चले गए. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग जो डरे हुए नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस से बाहर हैं, ऐसे सभी लोग हमारे हैं, उन्हें पार्टी में लाइए.
असम विधानसभा में राज्य में मुठभेड़ों की बढ़ती संख्याओं पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया कि गत दो महीनों के दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 15 कथित अपराधी मारे गए, जबकि 23 अन्य घायल हुए. ये मुठभेड़ कथित अपराधियों द्वारा पुलिस के हथियार छीनकर हमला करने और भागने की कोशिश के दौरान हुई.
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच करने वाली राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की समिति ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार पर टिप्पणी करते हुए हत्या एवं बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई से कराने और इन मामलों में मुक़दमा राज्य से बाहर चलाने की सिफ़ारिश की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अब हमारे राज्य की छवि ख़राब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है. उसे अभी भी विधानसभा चुनाव
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा भाकियू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को उनके एक बयान को लेकर निलंबित किया है. चढूनी ने कहा था कि किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के किसान संगठनों को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. एसकेएम का कहना है वे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, राजनीति नहीं कर रहे.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद वोट अहम हो गए हैं, जिसे लेकर निषाद पार्टी अपने प्रभुत्व का दावा करती रही है. राज्य में 150 से अधिक विधानसभा सीटें निषाद बहुल हैं, ऐसे में यह समुदाय निर्णायक भूमिका में हो सकता है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ते ही निषाद वोटों पर अपने कब्ज़े को लेकर निषाद पार्टी और बिहार की विकासशील इंसान पार्टी के बीच खींचतान शुरू हो गई है.
भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हाल में सत्तारूढ़ टीएमसी में लौटे वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को बीते नौ जुलाई को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. भाजपा के विधायकों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है.
समाज के वंचित वर्गों के लिए आय बढ़ाने के संबंध में भाजपा सरकार के सभी प्रमुख वादों के अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव टाल दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.