आप अपने राजनीतिक पत्रकारों और संपादकों से यह भी नहीं जान पाएंगे कि दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर चलने वाली पार्टी ने कई सौ करोड़ का मुख्यालय बनाया है, वो भीतर से कितना भव्य है.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
जन गण मन की बात की 210वीं कड़ी में विनोद दुआ वित्त विधेयक को लेकर सदन में हुए हंगामे और बैंकों का पैसा लेकर फ़रार हुए कारोबारियों पर चर्चा कर रहे हैं.
गोरखपुर में सत्ताधारी दल के उपचुनाव में हारने की कहानी नई नहीं है.
गोरखपुर में मिली हार योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ा झटका है. भाजपा कार्यकर्ता उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे थे, लेकिन अपनी सीट छोड़ो, वो अपना बूथ तक नहीं बचा पाए.
लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी तो सुब्रमनियन स्वामी और पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने योगी आदित्यनाथ पर साधा निशाना.
दिनाकरण ने अपनी नई पार्टी अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम के झंडे का भी अनावरण किया, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीर है.
जन गण मन की बात की 209वीं कड़ी में विनोद दुआ उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनाव के नतीजे और आधार लिंक करने की अवधि को अनिश्चितकाल तक बढ़ाए जाने पर चर्चा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव परिणाम पर सोशल मीडिया पर आई कुछ प्रतिक्रियाएं.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का वक्तव्य.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: मार्च 2017 के बाद यूपी की राजनीति में नए बदलाव की जो धीमी आवाज़ें उठ रही थीं, उसे सुना नहीं गया. ये आवाज़ें इस चुनाव में बहुत मुखर थीं लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया. अब जब उसने अपना असर दिखा दिया, तो सभी हैरान हैं.
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: सपा और बसपा के इस गठजोड़ में अगर कांग्रेस भी शामिल हो गई तो भाजपा को देश के सबसे बड़े राज्य में निराशा ही हाथ लगेगी.
योगी के गढ़ गोरखपुर में हारी भाजपा, उपमुख्यमंत्री मौर्य की फूलपुर सीट पर भी सपा की जीत. बिहार में लालू की ग़ैर-मौजूदगी में भी सीट बचाने में कामयाब हुआ राजद.
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये जनता का फैसला है. लोकतंत्र में जनता जर्नादन के रूप में है. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं.’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में कहा कि गंभीर मामलों पर निर्णय सरकार की एक कमेटी द्वारा लिया जाएगा.