अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायाधीशों के चयन में केंद्र सरकार की ओर से अपनाए गए तौर-तरीकों पर सवाल उठाए.
जन गण मन की बात की 184वीं कड़ी में विनोद दुआ जीएसटी दरों में बदलाव और हरियाणा की क़ानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि ग़रीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद और आतंकवाद वह छह बीमारियां हैं जिनकी पहचान प्रधानमंत्री मोदी ने की है.
अधिवक्ता संघ ने उच्च न्यायालय से सीबीआई को निर्देश देने का आग्रह किया है कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बरी करने के सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए एक समीक्षा याचिका दायर करे.
आप विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इन 20 विधायकों को चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया.
जन गण मन की बात की 183वीं कड़ी में विनोद दुआ फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आधार की न्यायालय में सुनवाई पर चर्चा कर रहे हैं.
निर्माण श्रमिकों के कल्याण से जुड़ा एक क़ानून लागू ने करने पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार.
जन गण मन की बात की 182वीं कड़ी में विनोद दुआ हज सब्सिडी ख़त्म करने और नेताओं के बार-बार रोने की घटनाओं पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 17वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, जज लोया की मौत और न्यायपालिका में संकट पर वरिष्ठ अधिवक्ता उदय गवारे और सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनि बंसल से चर्चा कर रही हैं.
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के निर्माताओं की तरफ से प्रतिबंध के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
जन गण मन की बात की 181वीं कड़ी में विनोद दुआ जज लोया की मौत और सुप्रीम के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से न्यायपालिका में उभरे संकट पर चर्चा कर रहे हैं.
एक दशक पुराने एक मामले में राजस्थान पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने अहमदाबाद गई तो कुछ समय के लिए लापता हो गए थे.
चारा घोटाले में कई बार जेल जाने वाले लालू जैसे छत्रप का यह तिलिस्म ही है कि एक बड़ी जमात उन्हें ज़मीनी नेता मानने से गुरेज नहीं करती. तभी जेल में उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.
मीडिया बोल की 32वीं कड़ी में उर्मिलेश सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और हिंदुस्तान टाइम्स के सीनियर असिस्टेंट एडिटर भद्रा सिन्हा से चर्चा कर रहे हैं.
तमिलनाडु के मंझे हुए राजनीतिक पर्यवेक्षकों का काफी हद तक यह मानना है कि रजनीकांत के राजनीति में शामिल होने के फैसले के तार भाजपा से जुड़े हुए हैं.