मीडिया बोल: अरबों के सरकारी विज्ञापन में फंसी मीडिया की जान

मीडिया बोल की इस कड़ी में कुछ मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न देने के मोदी सरकार के फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन नाग, सत्य हिंदी वेबसाइट के संपादक आशुतोष और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

अपूर्वानंद की मास्टरक्लास: जय श्रीराम का नारा हिंसा का बहाना है

वीडियो: झारखंड में कुछ दिन पहले चोरी के शक में तबरेज़ अंसारी को भीड़ द्वारा पीटा गया, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनसे कथित तौर पर जबरन ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए गए थे. इस घटना पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद चर्चा कर रहे हैं.

क्यों रोईं आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी?

वीडियो: पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 30 साल पुराने पुलिस हिरासत में मौत के मामले में गुजरात की जामनगर सत्र न्यायालय ने भट्ट को दोषी पाया है. उस समय संजीव भट्ट जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक थे. इसी मुद्दे पर संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

आरफ़ा का इंडिया: भाजपा की चुनावी मशीन में धुले बलात्कार के दोषी राम रहीम के दाग

वीडियो: बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम के परोल याचिका पर हुए विवाद पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

मीडिया बोल: मुज़फ़्फ़रपुर की मौतें, सत्ता की बेफ़िक्री और मीडिया का मिजाज़

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौतों पर सरकार की बेफ़िक्री और मेनस्ट्रीम मीडिया की स्तरहीन पत्रकारिता पर जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. विकास बाजपेयी और वरिष्ठ पत्रकार बिराज स्वैन से चर्चा कर रहें हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.

न्यू इंडिया की वहशी भीड़: एक और मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या

झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले में चोरी के शक में एक व्यक्ति की लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस बारे में चर्चा कर रहीं हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

हम भी भारत: एक देश एक चुनाव; क्या संघीय ढांचे पर हमला है?

वीडियो: हम भी भारत की इस कड़ी में एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चुनाव आयोग के पूर्व क़ानूनी सलाहकार एसके मेंदिरत्ता, स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

‘अपनी रचनाओं में स्त्रियों के लिए जो टैगोर, शरतचंद ने किया, वो अब के लेखक नहीं कर पाए हैं’

साक्षात्कारः हिंदी की वरिष्ठ लेखिका और साहित्यकार ममता कालिया का कहना है कि स्त्री विमर्श के लिए हमें सिमोन द बोउआर तक पहुंचने से पहले महादेवी वर्मा को पढ़ना पड़ेगा, जिन्होंने 1934 में ही लिख दिया था कि हम स्त्री हैं. हमें न किसी पर जय चाहिए, न पराजय, हमें अपनी वह जगह चाहिए जो हमारे लिए निर्धारित है.

कैंप जलने के एक साल बाद दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों का क्या है हाल?

वीडियो: दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बसे रोहिंग्या मुसलमानों के कैंप में पिछले साल 15 अप्रैल को आग लग गई थी. इस घटना के एक साल बाद भी वे अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. अभी भी सरकार की ओर से उनके लिए स्थायी तौर पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

मीडिया बोल: डॉक्टर-हड़ताल और अदावत का क्रिकेटी जलसा

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश देश भर में हुई डॉक्टरों की हड़ताल पर वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिड़ी, वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमशंकर से चर्चा कर रहे हैं.

आरफ़ा का इंडिया: क्रिकेट की पिच पर जंग की भाषा क्यों?

वर्ल्ड कप में भारत द्वारा पाकिस्तान को हराने के बाद सोशल मीडिया पर एक खेल को पड़ोसी देश के खिलाफ युद्ध में बदले जाने पर विश्लेषण कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

‘अभिव्यक्ति की आज़ादी संविधान ने दी है, किसी राजनीतिक दल ने नहीं’

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण गिरफ़्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

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