केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों के बारे में किसानों की आशंकाओं का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया है, पर केंद्र ने किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं.
घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.
यह तथ्य है कि योगी आदित्यनाथ सरकार हमेशा अपने मक़सद को पाने के लिए बेहतर और बिना ज़ोर-ज़बरदस्ती वाले तरीकों की बजाय धमकाने या डर दिखाने वाले उपायों को तरजीह देती है. इसका ताज़ा नमूना हाल में में लाया गया जनसंख्या नियंत्रण विधेयक है.
मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस नेता की हत्या के मामले में बसपा विधायक के पति को मिली ज़मानत ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसाधनों से युक्त और राजनीतिक रूप से ताक़तवर लोगों और न्याय तक पहुंच व संसाधनों से वंचित लोगों के लिए अलग-अलग समानांतर क़ानूनी प्रणालियां नहीं हो सकती. ऐसी व्यवस्था क़ानून की वैधता को ही ख़त्म कर देगी.
बीते 29 जून को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के रौनापार के पलिया गांव के एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कथित रूप से हमला कर दिया गया. आरोप है कि इसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस दलित बाहुल्य गांव में प्रधान समेत कई घरों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें गिरा दिया गया. पुलिस ने ग्रामीणों के इस आरोप से इनकार करते हुए अज्ञात लोगों
घटना देवरिया के संवरेजी खर्ग गांव की है. आरोप है कि 17 साल की युवती ने जींस- टॉप पहनने की ज़िद की थी, जिसके बाद परिजनों ने उसे बेरहमी से पीटा और सिर पर गहरी चोट लगने से लड़की की मौत हो गई. मृतका की मां की शिकायत परलड़की के दादा-दादी सहित दस लोगों के पर मामला दर्ज किया गया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि महामारी की दूसरी लहर में सबसे अधिक 158 बच्चे उत्तर प्रदेश में अनाथ हुए हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 119, महाराष्ट्र में 83, मध्य प्रदेश 73 और गुजरात में 45 बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावकों को खोया है.
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में 10 गांवों को विस्थापित किया जाना है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही तमाम बुनियादी सुविधाओं के बिना चल रही उनकी ज़िंदगी को यह प्रोजेक्ट यातनागृह में तब्दील कर देगा. उन्हें यह डर भी है कि तमाम अन्य परियोजनाओं की तरह उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं मिलेगा.
कर्नाटक सरकार ने सार्वजनिक नौकरियों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक फ़ीसदी पद आरक्षित किए हैं. पुलिस कॉन्स्टेबलों की भर्ती को चुनौती मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह क़दम उठाया है.
घटना 28 जून को ग्वालियर ज़िले के डबरा की है. पति कार ख़रीदने के लिए पत्नी से मायके से पैसे मांगने का दबाव बना रहा था. इससे इनकार करने पर कथित तौर पर 22 वर्षीय एक महिला को तेज़ाब पिला दिया गया. उपका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा है. मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है.
मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. पुणे पुलिस ने पायल कपाड़िया और 34 अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी की थी. उनकी छात्रवृत्ति ग्रांट में भी कटौती कर दी गई थी.
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 20 मार्च, 2017 से 20 जून, 2021 तक की अवधि में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस बल के 13 जवान वीरगति को प्राप्त हुए तथा 1,122 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. सरकार के चार वर्ष से अधिक के कार्यकाल में गैंगस्टर अधिनियम के तहत कुल 15 अरब 74 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्यवाही की गई है.
याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ बर्ख़ास्तगी का आदेश इस आधार पर पारित किया गया था कि शादीशुदा होने के बावजूद वह एक अन्य महिला के साथ लिव-इन में रह रहे हैं. कहा गया था कि यह आचरण उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियम, 1956 के प्रावधानों और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के भी ख़िलाफ़ है.
पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा एक्सेस किए गए लीक डेटा से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी और उनके परिवार द्वारा इस्तेमाल किए गए 11 नंबरों को एक अज्ञात आधिकारिक एजेंसी द्वारा पेगासस स्पायवेयर द्वारा हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.
निगरानी के लिए संभावित निशाने पर 'कमेटी फॉर द रिलीज़ ऑफ पॉलिटिकल प्रिज़नर्स' भी थी, जिससे जुड़े शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं के फोन नंबर भी पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये हुए सर्विलांस वाले भारतीय फोन नंबरों की लीक हुई सूची में शामिल हैं.