उत्तर प्रदेश के बरेली शहर का मामला. मई में मुक़दमा दर्ज करने के बाद ससुराल पक्ष के छह आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया.
पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार किया. इससे पहले बीते आठ जून को राज्य के कार्बी आंगलांग ज़िले में ग्रामीणों ने दो व्यक्तियों की बच्चा चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
12 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय करेगा सुनवाई. कोलकाता में एक कांग्रेस नेता ने अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी समेत शो के निर्माताओं और नेटफ्लिक्स के ख़िलाफ़ शिकायत भी दर्ज कराई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में अपने फैसले में समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया था.
मीडिया बोल की 57वीं कड़ी में उर्मिलेश दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत की मीडिया कवरेज पर वैज्ञानिक व शायर गौहर रज़ा और पत्रकार भाषा सिंह से चर्चा कर रहे हैं.
कवि कुमार आज़ाद साल 2009 से ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ धारावाहिक में डॉ. हाथी का किरदार निभा रहे थे. निधन पर जेठालाल का किरदार निभा रहे दिलीप जोशी ने जताया शोक.
सुरक्षा का हवाला देकर जामिया प्रबंधन ने छात्राओं के हॉस्टल बंद होने की समयसीमा रात 10:30 बजे से घटाकर नौ बजे की. इस नियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन पर भी लगाया प्रतिबंध.
पुरुषत्व और मर्दवाद की स्थापना के चलते लड़कों के लैंगिक शोषण को महत्वहीन विषय माना गया है. यदि कोई यह शिकायत करता है तो उसे अपमान झेलना पड़ता है और कमज़ोर माना जाता है.
भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की रोकथाम का केंद्र सरकार के पास कोई कार्यक्रम नहीं है, इसलिए वह सिर्फ़ राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेना चाहती है.
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मकार सईद अख़्तर मिर्ज़ा की किताब के लोकार्पण के मौके पर फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा कि हमारे देश की आत्मा सरकार से बहुत बड़ी है. यह देश सरकार नहीं है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं से देश के सामाजिक ताने-बाने को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है.
उच्चतम न्यायालय ने जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया था कि वह सभी दर्शनाभिलाषियों, चाहे वे किसी भी धर्म-आस्था को मानने वाले क्यों न हों, को मंदिर में पूजा करने की अनुमति दे. विहिप पुनर्विचार याचिका दाख़िल करेगा.
श्रीलंका में बौद्ध भिक्षुओं को शायद ही दंडित किया जाता है, मगर जब पिछले दिनों वहां की न्यायपालिका ने एक अतिवादी बौद्ध भिक्षु को दंडित कर ‘इतिहास रचा’ तब भी भारत समेत दक्षिण एशिया का मीडिया खामोश रहा.
आखिर ऐसे लोग कहां हैं, जिनका अनुकरण किया जा सके? यह एक बड़ी चुनौती है. अगर मैं यह चाहता हूं कि मेरा बच्चा एक अच्छा नागरिक बने जो सर्वश्रेष्ठ मूल्यों के लिए आवाज उठा सके, तो आखिर इस मौजूदा पीढ़ी में वे प्रेरणा-पुरुष कहां हैं, जिनकी ओर देखा जा सकता है? हम 21वीं सदी में 19वीं सदी के अनुकरणीय व्यक्तियों की मिसाल कब तक देते रहेंगे?