सर सैयद का मानना था कि जब मर्द लायक़ हो जाते हैं, तब औरतें भी लायक़ हो जाती हैं. जब तक मर्द लायक़ न हों, औरतें भी लायक़ नहीं हो सकतीं. यही सबब है कि हम कुछ औरतों की तालीम का ख़्याल नहीं करते हैं.
एक खाप पंचायत अध्यक्ष ने कहा है, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे. हम वेदों को मानते हैं और वेदों में सगोत्रीय विवाहों को अनुमति नहीं दी गई है. एक ही गांव में रह रहे लोग भाई-बहन होते हैं, वे पति-पत्नी कैसे बन सकते हैं?'
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक ने बताया कि भूख से जूझ रहे तकरीबन तीन करोड़ 20 लाख लोग चार संघर्षरत देशों- सोमालिया, यमन, दक्षिण सूडान और उत्तर पूर्व नाइजीरिया में रह रहे हैं.
महिला के कथित तौर पर एक युवक के साथ कहीं और चले जाने पर पंचायत ने सुनाई सज़ा. पुलिस ने पति और पूर्व ग्राम प्रधान समेत तीन नामज़द लोगों को किया गिरफ़्तार.
वर्तमान समाज को सहानुभूति की नहीं, समानुभूति की ज़रूरत है. आज नीति बनाने वालों में ही 'समानुभूति' का तत्व खत्म हो चुका है. नीति बनाते समय उन्हें आंकड़े चाहिए होते हैं, एहसास नहीं.
विश्व जल दिवस: दीवारें खड़ी करने से समुद्र पीछे हट जाएगा, तटबंद बना देने से बाढ़ रुक जाएगी, बाहर से अनाज मंगवाकर बांट देने से अकाल दूर हो जाएगा. बुरे विचारों की ऐसी बाढ़ से, अच्छे विचारों के ऐसे ही अकाल से, हमारा यह जल संकट बढ़ा है.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दी जानकारी.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने सदन में बताया कि 2015 के मुक़ाबले 2016 में दलितों के ख़िलाफ़ जातिगत भेदभाव के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.
पुण्यतिथि विशेष: उस्ताद ऐसे बनारसी थे जो गंगा में वज़ू करके नमाज़ पढ़ते थे और सरस्वती को याद कर शहनाई की तान छेड़ते थे. इस्लाम में संगीत के हराम होने के सवाल पर हंसकर कहते थे, 'क्या हुआ इस्लाम में संगीत की मनाही है, क़ुरान की शुरुआत तो 'बिस्मिल्लाह' से ही होती है.'
पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के अभिजात्य और शासक वर्गों में पर्यावरण और सामाजिक-नागरिक प्रतिरोध के केंद्र के रूप में सघन वन्य इलाक़ों को नकारात्मक रूप से देखने की प्रवृत्ति मिलती है.
हिंदी साहित्य के संसार में केदारनाथ सिंह की कविता अपनी विनम्र उपस्थिति के साथ पाठक के बगल में जाकर खड़ी हो जाती है. वे अपनी कविताओं में किसी क्रांति या आंदोलन के पक्ष में बिना शोर किए मनुष्य, चींटी, कठफोड़वा या जुलाहे के पक्ष में दिखते हैं.
केदारनाथ सिंह की कविताओं में सबसे अधिक आया हुआ बिंब वह है जो 'जोड़ता' है. उन्हें वह हर चीज़ पसंद थी जो जोड़ती है. वो चाहे सड़क हो या पुल, शब्द हो या सड़क, जो लोगों को मिलाती है, उनकी आंखों में एक छवि बनकर तैरती रहती और फिर पिघलकर कविता में ढल जाती.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में हुआ जन्म. पेट में संक्रमण की वजह से केदारनाथ सिंह को नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा में अनुसूचित जाति के बच्चों की औसत ड्रॉप आउट दर 4.46, अनुसूचित जनजाति की 6.93 और मुस्लिम समुदाय की 6.54 फीसदी है.
हमारे महान खिलाड़ियों को जनता सिर-आंखों पर बैठाती है, मगर जनता पर जब ऐसी कोई त्रासदी बरपा करती है- जिसके लिए सरकार या समाज का एक वर्ग ज़िम्मेदार हो तो वे ऐसे विलुप्त हो जाते हैं, गोया इस दुनिया में रहते न हों.