रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’
एक सर्वे के अनुसार, देश के छह आईआईएम में जुलाई 2015 तक कुल 233 शिक्षक थे. इनमें से सिर्फ़ दो अनुसूचित जाति और पांच अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. अनुसूचित जनजाति से कोई भी शिक्षक यहां नहीं था.
देश के सबसे बड़े देशप्रेमी ने देशप्रेम नापने की एक मशीन बनवाई है . इस मशीन में आदमी बैठ जाता है और सुई घूमने लगती है. पता चल जाता है कि कौन देश से कितना प्रेम करता है.
राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य में फिल्म पद्मावती को तभी रिलीज़ किया जा सकता है जब राजपूत करणी सेना इसे मंजूरी दे दे.
संसद में कांग्रेस बोली, सरकार पहले किसान की आय मापने के उपाए करे, भाजपा ने कहा, विपक्ष में आए तब बुद्धि आई?
एक फायरमैन का काम बहुत ही जोख़िमभरा होता है. दिल्ली दमकल विभाग के एक फायरमैन को हर दूसरे दिन 24 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है ताकि राजधानी के लोगों की ज़िंदगियां सुरक्षित रह सकें.
प्रिय ईश्वर! यदि मुझे दूसरा जन्म मिले तो चिड़िया बना देना, मैं पूरी दुनिया देखना चाहता हूं: रजनी कृष
जेएनयू के छात्र रजनी कृष ने पिछले कुछ वर्षों में प्रताड़ित किए गए ‘वंचितों की लिस्ट’ पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘यह लिस्ट 2017 में बढ़ सकती है.’ दुर्भाग्य से रजनी कृष का नाम भी इसमें जुड़ गया.
जो ये मानते हैं कि होली सिर्फ हिंदुओं का त्योहार है वो होली के दिन पुराने लखनऊ जाकर देख लें. पहचानना मुश्किल हो जाएगा रंग में डूबा कौन सा चेहरा हिंदू है कौन सा मुसलमान.
लोकतंत्र में हर पल अपने समाज और वोटरों के बारे में सोचते रहना पड़ता है, लेकिन दुखद यह है कि उत्तर भारत के सामाजिक न्याय के सभी बड़े नेता सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदार के बारे में सोचते हैं, उन जनता के बारे में नहीं जिनके वोट से ये मसीहा बने थे.
भारत की सियासत में जब तक अलग से मुसलमानों की बात होती रहेगी तब तक हिंदुत्व ज़िंदा रहेगा.
चुनाव संपन्न होने के बाद चैनलों और एजेंसियों ने एक्ज़िट पोल सर्वे पेश किए तो फेसबुकिए क्यों पीछे रहते, उन्होंने भी गहन मंथन किया.
शीर्ष अदालत ने कहा, यह मीडिया की स्वतंत्रता और आज़ादी को सीमित करने का चोरी-छिपे किया जा रहा प्रयास है. यह मीडिया पर हमला है.
‘जन की बात’ की 15वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ टीआरपी के लिए हो रहे एकतरफा और बेतुके मीडिया कवरेज और केंद्र सरकार की बहुप्रचारित ‘स्मार्ट सिटी’ योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
मातृत्व अवकाश 12 हफ़्ते से बढ़ाकर 26 हफ़्ते करने वाले इस बिल का फायदा बच्चा गोद लेने वाली मांओं को भी मिलेगा.
‘जन की बात’ की 14वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ लिंग आधारित तनख़्वाह यानी एक ही काम के लिए महिलाओं के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग वेतन की परंपरा पर चर्चा कर रहे हैं. इसके अलावा केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के ‘हार्मोनल आउटबर्स्ट’ वाले बयान पर हुए बवाल की बात.