भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,43,08,140 हो गई है और अब तक 4,59,191 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 24.75 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 50.13 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में मंगलवार को पिछले 259 दिनों में कोविड-19 के सबसे कम 10,423 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,96,237 हो गई है. बीते 24 घंटे के दौरान 443 और मरीज़ों की मौत होने से मृतक संख्या 4,58,880 पर पहुंच गई है. दुनिया में संक्रमण के 24.71 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इन 48 ज़िलों में से 27 उत्तरपूर्वी राज्यों में हैं, जिनमें से आठ-आठ ज़िले मणिपुर और नगालैंड में हैं. झारखंड में सर्वाधिक नौ ज़िले हैं, जहां पचास फीसदी से भी कम लोगों को कोरोना का पहला टीका लगा है. इस सूची में दिल्ली का एक और महाराष्ट्र के छह ज़िले शामिल हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,85,814 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 4,58,437 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 24.67 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 49.99 लाख लोगों की जान जा चुकी है.
आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.
केरल पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 से होने वाली मौत के आंकड़ों में संशोधन कर रहा है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,73,300 हो गई है और अब तक 4,58,186 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले बढ़कर 24.64 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 49.95 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
मेरठ के कैंट बोर्ड की वार्ड छह की सदस्य मंजू गोयल को 20 मार्च को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी गई थी. इसके बाद वे कोरोना संक्रमित हुईं और उनका निधन हो गया. उनके बेटे ने बताया कि शुक्रवार दोपहर उनके मोबाइल पर टीके की दूसरी खुराक लगने का मैसेज आया और पोर्टल पर प्रमाणपत्र भी जारी किया गया.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,60,470 हो गई है और अब तक जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 4,57,740 है. इस बीच दुनियाभर में इस संक्रमण के कुल 24.60 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 49.90 लाख से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,46,157 हो गई है और जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 4,57,191 हो गया है. इस बीच पूरी दुनिया में संक्रमण के कुल 24.55 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 49.82 लाख से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की अब तक 103.99 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं. इसमें से क़रीब 77 फीसदी वयस्कों को पहली डोज़ और सिर्फ 34 फीसदी वयस्कों को ही दोनों डोज़ लग पाई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,31,809 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 4,56,386 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 24.50 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 49.72 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,15,653 हो गई है, जबकि मृतकों की आंकड़ा 4,55,653 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 24.45 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक 49.64 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,42,02,202 हो गई है और अब तक 4,55,068 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. केरल ने संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करने के बाद मृतक संख्या में 228 का इज़ाफ़ा किया है. पिछले 24 घंटे में संक्रमण से राज्य में 53 लोगों की मौत हुई. विश्व में संक्रमण के मामले 24.41 करोड़ से अधिक हो गए हैं और अब तक 49.54 लाख से अधिक लोगों को मौत
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,41,89,774 हो गई है. केरल ने संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुनःमिलान करने के बाद मृतक संख्या में 363 का इज़ाफ़ा किया है, जिनमें से पिछले 24 घंटे में संक्रमण से राज्य में 71 लोगों की मौत हुई. इस तरह बीते देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से 443 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,54,712 हो चुकी है.
पश्चिम बंगाल के प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों के एक समूह 'शिक्षा आलोचना' द्वारा महामारी के दौरान पढ़ाई को लेकर जारी की गई रिपोर्ट बताती है कि स्कूल परिसर के बाहर अपना काम जारी रखना कितना चुनौतीपूर्ण था लेकिन अध्यापकों ने उसे किया. यह रिपोर्ट पढ़ी जानी चाहिए, अध्यापकों की वकालत के लिए नहीं, यह समझने के लिए कि प्राथमिक शिक्षा कितना जटिल मसला है और उसके कितने पक्ष हैं.