दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार की उस अधिसूचना को भी ख़ारिज कर दिया, जिसमें में कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगेगा. अदालत ने कहा कि सरकार को कम से कम युद्ध, अकाल, बाढ़, महामारी के समय में करों के बोझ को कम करना चाहिए या कम से कम कम रखना चाहिए. इस तरह का दृष्टिकोण एक व्यक्ति को गरिमा का जीवन जीने की अनुमति देता है, जो संविधान के अनुच्छेद
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 26,289,290 हो गई है और जान गंवाने वालों का आंकड़ा 295,525 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 16.61 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 34.43 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
घटना शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में हुई. मृतक की पहचान 17 वर्षीय फैसल हुसैन के रूप में हुई. इस संबंध में दो आरोपी कॉन्स्टेबलों को निलंबित करने के अलावा एक होमगार्ड को सेवा से मुक्त कर दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 2020 में कोविड-19 से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कम से कम 30 लाख लोगों की मौत हुई, जो देशों द्वारा बताई गई आधिकारिक आंकड़े से लगभग दोगुनी अधिक है.
72 वर्षीय राजकुमार केसवानी बीते दिनों कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद हुए फेफड़ों के संक्रमण के चलते भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां शुक्रवार को उनका देहांत हो गया. वे भोपाल गैस त्रासदी से पहले यूनियन कार्बाइड की सुरक्षा चूक पर ध्यान दिलाने की रिपोर्टिंग और उनके साप्ताहिक सिनेमा कॉलम के लिए जाने जाते थे.
गंगा में बहे शवों को देखकर व्यथित हुई गुजराती कवियत्री पारुल खक्कर ने अपने दुख को चौदह पंक्तियों की की कविता की शक्ल दी, जिसे लेखकों के साथ-साथ आमजनों ने भी पसंद किया. हालांकि इसके बाद मूल रूप से गैऱ राजनीतिक पारुल सत्तारूढ़ भाजपा की ट्रोल आर्मी के निशाने गईं.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पत्र लिखकर कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में ‘इंडियन वैरिएंट’ शब्द को कोरोना वायरस के बी 1.617 वैरिएंट के साथ नहीं जोड़ा है. संगठन ने 11 मई को कहा था कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी.1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह ‘स्वरूप चिंताजनक’ है.
बीते साल ट्रंप प्रशासन द्वारा ट्विटर के ख़िलाफ़ इस्तेमाल की गई धमकाने वाली समान भाषा में केंद्र सरकार ने कहा कि अगर ट्विटर आधिकारिक मांगों को नहीं मानता है तो एक 'मध्यस्थ' के बतौर उसकी क़ानूनी स्थिति पर सवाल उठ सकता है. सरकार ने यह भी कहा कि ट्विटर ने एकतरफा तरीके से मामले में निष्कर्ष निकाल कर भाजपा नेता के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी में डाल दिया.
देशभर में कोरोना संक्रमितों या इससे उबर चुके लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण देखा जा रहा है, पर मध्य प्रदेश में स्थिति बेहद ख़राब है. लगातार कई शहरों में बढ़ते मामलों और मौत की ख़बरों के बीच दवा और इंजेक्शन का अभाव तो बना ही है, वहीं सरकार को अब तक राज्य में आए ऐसे कुल मामलों की जानकारी तक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को सलाह के तौर पर लेना चाहिए और उसे लागू करने के लिए हरसंभव क़दम उठाने चाहिए. उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे शहर के एक मेडिकल कॉलेज में इलाज की बुरी स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शहरों का यह हाल है तो छोटे शहरों और गांवों के संबंध में राज्य की संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे ही कही जा सकती है.
नौ जनवरी 1927 को उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में जन्मे सुंदरलाल बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता माना जाता है. उन्होंने 70 के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी. पद्मविभूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उन वीडियो के आधार पर की, जिसमें ये देखा जा सकता है कि चार धामों में से दो- बद्रीनाथ और केदानाथ में बड़ी संख्या में साधू/पुजारी कोरोना नियमों को उल्लंघन करते हुए घूम रहे हैं. इसके साथ ही अदालत ने राज्य के दूरदराज़ के इलाकों में रह रहे लोगों की चिकित्सकीय ज़रूरतों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा कि वह पर्वतीय प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 26,031,991 हो गए हैं और अब तक 291,331 लोगों की जान जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के 16.55 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 34.30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
क्या पैसे, शोहरत और सुरक्षा की परवाह किए बगैर चुपचाप समाज के सबसे वंचित तबके की मदद करने वाले डॉ. प्रदीप बिजलवान के अस्पताल और ऑक्सीजन की जद्दोजहद के बीच गुज़र जाने के कोई मायने हैं? क्या वे भी उस सरकारी रिकॉर्ड में मौत का महज़ एक आंकड़ा बनकर रह जाएंगे, जिसमें आज की तारीख़ में लगभग दो लाख मौतें दर्ज हैं?
इस महीने के शुरुआत में दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड दूतावास ने ट्विटर पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. को टैग कर ‘तत्काल’ उनके परिसर में ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुज़ारिश की थी. हालांकि जब इसे लेकर विवाद उठा कि भारत सरकार दूतावासों की मदद नहीं कर रही है, इसलिए उन्हें यूथ कांग्रेस से गुज़ारिश करनी पड़ रही है, तो न्यूजीलैंड दूतावास ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था.